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पुलिसकमियों को सात साल से नहीं मिल रहा अतिरिक्त वेतन

हिमाचल पुलिस के करीब 17 हजार पुलिस कर्मियों को पिछले सात वर्षों से एक महीने का अतिरिक्त वेतन नहीं मिला है। पहले साल में एक महीने के अतिरिक्त वेतन (एक्सट्रा पे) देने की व्यवस्था थी। लेकिन वर्ष 2013 से इसे बंद कर दिया था। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। यही नहीं तीन बैच के कांस्टेबलों को नियमित आधार पर वेतनमान नहीं मिल रहा है। इन पर आठ साल की शर्त भारी पड़ रही है। इस संबंध में हाईकोर्ट में भी एक केस विचाराधीन है। यह केस पुलिस कल्याण संघ की ओर से किया गया है। जबकि संघ से अलग पुलिस कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अमर सिंह राठौर की अगुवाई में रविवार को शिमला में ओक ओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 07:30 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:20 AM (IST)
पुलिसकमियों को सात साल से नहीं मिल रहा अतिरिक्त वेतन
पुलिसकमियों को सात साल से नहीं मिल रहा अतिरिक्त वेतन

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पुलिस के करीब 17 हजार कर्मचारियों को सात साल से एक माह का अतिरिक्त वेतन नहीं मिला है। पहले साल में एक माह के अतिरिक्त वेतन (एक्सट्रा पे) देने की व्यवस्था थी। 2013 से इसे बंद कर दिया था। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। यही नहीं तीन बैच के कांस्टेबलों को नियमित आधार पर वेतनमान नहीं मिल रहा है। इन पर आठ साल की शर्त भारी पड़ रही है। इस संबंध में हाईकोर्ट में भी एक केस विचाराधीन है। यह केस पुलिस कल्याण संघ की ओर से किया गया है।

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पुलिस कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अमर सिंह राठौर की अगुआई में रविवार को शिमला में ओकओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की। उन्होंने कई मांगों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने साल में एक वर्ष के अतिरिक्त वेतन की मांग प्रमुखता से उठाई। कांस्टेबलों पर आठ साल की शर्त थोपना सही नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री की हालिया घोषणा को अमलीजामा पहनाने की बात उठाई। इसमें हर पुलिसकर्मी को रिटायरमेंट से पूर्व एक रैंक की पदोन्नत मिलेगी। इसमें कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर तक शामिल होंगे। पुलिस कर्मियों ने नीली टोपी बरकरार रखने की गुहार लगाई।

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डीजी, एसपी साहब की अनुमति से ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले। हमारा संघ ने कोई लेना-देना नहीं है। मुख्यमंत्री ने हमारी मांगों को ध्यान से सुना और इसे पूरा करने का ठोस आश्वासन दिया है। मांगें मनवाने के लिए बैनर का होना जरूरी नहीं है।

-अमर सिंह राठौर, पुलिसकर्मियों की अगुआई करने वाले।

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पुलिस कल्याण संघ ने मांगों को लेकर पहले भी कानूनी जंग लड़ी और जीती। अभी भी कई मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। एक माह की अतिरिक्त-पे का मामला अंतिम चरण में हैं। उम्मीद है कि कोर्ट से इस पर जल्द फैसला आएगा। डीजी साहब ने भी संघ को यह मांग मनवाने का पक्का भरोसा दिलाया है। नीली टोपी का मामला तो पहले ही कोर्ट में चल रहा है।

-रमेश चौहान, प्रदेशाध्यक्ष पुलिस कल्याण संघ।


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