बजट मिले भरपूर तभी मर्ज होगा दूर
प्रदेश की आबादी 72 लाख के करीब पहुंच गई है और इस आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का जिम्मा मात्र 2200 के करीब चिकित्सकों पर है। ऐसे में नए बजट में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की लोगों ने आस लगा रखी है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल की करीब 72 लाख आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का जिम्मा करीब 2200 डॉक्टरों के हवाले है। प्रदेश के लोगों को बजट में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की आस है। लोग चाहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थानों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधा मिले। स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट बढ़ाया जाए जिससे लोगों को बीमारी से दूर रखा जा सके।
बीमारी में खर्च की समस्या दूर करने के लिए स्वास्थ्य बीमा की सुविधा पांच लाख रुपये तक कर दी गई है। लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधा तभी मिलेगी जब अस्पतालों में निर्धारित मापदंडों के अनुसार डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मी होंगे। स्वास्थ्य विभाग में करीब पांच हजार पद रिक्त हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तभी मिल सकती हैं जब स्टाफ पूरा तैनात हो। प्रदेशभर में आपातकालीन सुविधाएं बेहतर न होने के कारण मरीजों को बचाना चुनौती है। छोटे व बड़े सभी अस्पताल मरीजों को रेफर करने तक सीमित हो गए हैं। इसलिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में आधारभूत ढांचा मजबूत करने की जरूरत है। इससे ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मेडिकल कॉलेजों व शहरों के अस्पतालों में मरीज कम हो सकेंगे। सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए जरूरी है कि बजट का पूरा प्रावधान होने के साथ घर-घर जांच सही तरीके से की जाए। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बढ़े बजट
ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। इस कारण शहरों और बड़े अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों के अधारभूत ढांचे और सुविधाओं को बेहतर करने के लिए बजट बढ़ाए जाने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में सुविधाओं को बेहतर करने से ही आयुष्मान भारत और हिमकेयर जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ होगा।
-अशोक कुमार, तत्तापानी निवासी आपातकालीन सेवाएं सुदृढ़ हों
अस्पतालों में आपातकाीन स्थिति में आने वाले मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाओं का प्रावधान हो। एमरजेंसी में कई बार न डॉक्टर, न दवाइयां और न सुविधाएं मिलती हैं। आपातकालीन सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए। मरीजों के साथ तीमारदारों के लिए अस्पताल में ठहरने की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए।
भारती सहगल, न्यू शिमला पैरामेडिकल स्टाफ के पद भरें
अस्पतालों में हर मरीज को दवा उपलब्ध नहीं होती है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट बहुत कम रखा जाता है। नि:शुल्क दवाइयां देने के लिए अधिक बजट जरूरी है। दवाइयां अस्पताल में न मिलने से मरीजों को दिक्कत होती है। घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बिना डॉक्टरों वाले अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ के पदों को भरना होगा।
-डॉ. बालक राम, सेवानिवृत्त चिकित्सक एवं प्रधान ग्राम पंचायत बसंतपुर अस्पतालों में भरे जा रहे रिक्त पद
स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। अस्पतालों में रिक्त पदों को भरा जा रहा है। डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए वॉक इन इंटरव्यू लिए जा रहे हैं। बजट को भी हर वर्ष आवश्यकता के आधार पर बढ़ाया जा रहा है। घर द्वार पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
-विपिन परमार, स्वास्थ्य मंत्री