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विदेशों से आने वाले सेब पर लगे प्रतिबंध

ननखड़ी के बागवान कपिल खाची का कहना कि आए सेब सड़क छाप आढ़ती सेब बागवानों को लाखों का चूना लगा कर गायब हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 08:10 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 08:10 PM (IST)
विदेशों से आने वाले सेब पर लगे प्रतिबंध
विदेशों से आने वाले सेब पर लगे प्रतिबंध

संवाद सूत्र, सराहन बुशहर : उपमंडल रामपुर के सेब बागवानों को प्रदेश सरकार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं। बागवानों की मुख्य मांग यही रहती है कि विदेशों से आने सेब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए या फिर उस पर ड्यूटी बढ़ाई जाए, ताकि बागवानों को राहत मिल सके। इनका कहना है कि इससे प्रदेश के बागवानों को हर साल लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है और उन्हें उनकी सालभर की मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता। वहीं विदेशों से मंगवाए जाने वाले सेब के पौधों की संख्या भी बढ़ाई जाए। इसके अलावा बागवानों की मांग रही है कि फर्जी आढ़तियों से निजात दिलाई जाए।

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ये है बागवानों को आस

प्रदेश सरकार को बजट में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की घोषणा करनी चाहिए। सरकार द्वारा विदेशों से पौधे तो मंगवाए जा रहे हैं, लेकिन उनकी बेहतर दवाओं की भारी कमी रहती है। इसके लिए बजट में विदेशों से दवाएं मंगवाने का प्रावधान किया जाए। इसके अतिरिक्त पौधे भी अच्छी किस्म के बागवानों को वितरीत किए जाएं।

-नवीन भलूनी, बाहली।

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सरकार बजट में बागवानों के लिए सीधे सबसिडी का प्रावधान करें, क्योंकि बागवानों को जिस तरीके से सबसिडी मिल रही है उसका उन्हें कोई लाभ नहीं है, इसलिए बागवानी विभाग दवाओं और औजारों को अपने आप खरीद कर बागवानों को सीधे इसका लाभ उपलब्ध करवाएं और सेब के समर्थन मूल्य जो पिछले कई साल से नहीं बढ़ा है उसे भी बढ़ाया जाए।

-विवेक शर्मा, गौरा।

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विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाया जाए। साथ ही सेब पर ओलावृष्टि या अन्य किसी प्राकृतिक आपदा से नुकसान का समय पर आंकलन किया जाए। जल्द नुकसान की अदायगी की जानी चाहिए। अकसर देखा गया है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर विभाग की ओर से आंकलन टीम तो मौके पर पहुंचती है, लेकिन बागवानों तक समय रहते मुआवजा नहीं पहुंचता। इसके लिए भी बजट विशेष प्रावधान होना चाहिए।

-जगदीश, सराहन।

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सड़क छाप आढ़ती सेब बागवानों को लाखों का चूना लगाकर लापता हो जाते हैं या फिर बागवानों के सेब लदे ट्रक के ट्रक ही रास्ते में गुम हो जाते हैं, जिस कारण भी बागवानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रदेश सरकार बजट में कोई योजना लेकर आए, ताकि बागवानों के साथ इस तरह से भविष्य में धोखाधड़ी न हो।

-कपिल खाची, ननखड़ी।


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