हिमाचल की नदियों को जल्द मिलेगा प्रदूषण से छुटकारा, वन विभाग ने की पहल
जीवनदायिनी कहीं जाने वाली हिमाचल की नदियों काे जल्द प्रदूषण से छुटकारा मिल जाएगा वन विभाग ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है।
शिमला, जेएनएन। नदियों को जीवनदायिनी माना जाता है, लेकिन हिमाचल की नदियां प्रदूषण की मार झेल रही हैं। प्रदेश की सात नदियों को नया जीवन मिलेगा यानी इन्हें प्रदूषण मुक्त किया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर वन विभाग ने न केवल कार्ययोजना तैयार की है बल्कि इस दिशा में पहल भी की है। इस संबंध में योजना विभाग को प्रस्तुति दी गई है।
इसके मुताबिक मुताबिक इन नदियों कैचमेंट एरिया में पौधे लगाए गए हैं। इसकी शुरुआत हो गई है। मौजूदा सत्र में 50 हेक्टेयर भूमि में पौधे रोप धरती का शृंगार किया गया है। भू संरक्षण कार्याें का खाका बनाया गया है। संबंधित वन मंडल अधिकारियों को इसके लिए पैसा भी जारी हो गया है। प्राकृतिक झरनों का विकास होगा। इसके लिए 103 प्राकृतिक झरनों को चिह्नित किया है। इनका विकास 105.60 लाख से होगा। 11687 जगहों पर वर्षा जल संग्रहण के ढांचे तैयार होंगे। इस पर 425.86 लाख करोड़ खर्च होगा। इसके तहत तालाबों, पोखरों, जोहड़ों का निर्माण होगा। इसके लिए बड़े स्तर पर ढांचे निर्मित होंगे।
वन विभाग के 53 भवनों की छतों पर वर्षा जल संग्रहण किया जाएगा। इस कार्य पर 87 लाख खर्च होंगे। चेकडैम का निर्माण किया जा रहा है। एनजीटी ने राज्य सरकार को प्रदूषित नदियों की साफ-सफाई के लिए पिछले साल अगस्त में कार्ययोजना तैयार करने के आदेश दिए थे। इसके बाद कई विभागों ने कार्ययोजना तैयार करने पर कसरत की।
फैला था पीलिया
अश्वनी खड्ड के पानी से शिमला शहर की प्यास बुझाई जाती है। कुछ साल पहले इसमें सीवर के रिसाव से शिमला शहर में पीलिया फैला और 32 लोगों को जान गंवानी पड़ी। अभी तक इसका पानी पेयजल के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
प्लास्टिक रिवर में बदली थी अश्वनी खड्ड
कुछ समय पहले अश्वनी खड्ड प्लास्टिक रिवर में बदल गई थी। एनजीटी ने इससे संबंधित वायरल वीडियो का कड़ा संज्ञान लिया था। हिमाचल में प्लास्टिक पर पाबंदी है। बावजूद इसके कुफरी क्षेत्रों का कूड़ा इसमें डाला गया था। इससे यह नदी दूषित हो गई थी बाकी नदियां भी कई कारणों से दूषित हो रही हैं।
ये हैं प्रदूषित नदियां
- सुखां नदी परवाणू के पास
- मारकंडा नदी कालाअंब के पास
- सिरसा नदी-बद्दी, नालागढ़ के समीप
- अश्वनी खड्ड यशवंतनगर के साथ
- ब्यास नदी-कुल्लू से देहरागोपीपुर तक
- गिरि नदी-सैंज के पास
- पब्बर नदी, रोहड़ू समेत