अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाएगा हिमाचल
हिमाचल प्रदेश की जल्द ही अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति होगी। इसके प्रारूप को तैयार करने के लिए बुधवार को बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने की। इसका लक्ष्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करना सुरक्षित पर्यावरण के अनुकूल समावेशी व एकीकृत गतिशीलता प्रदान करना
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति जल्द बनाएगा। इसका प्रारूप तैयार करने के लिए बुधवार को बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने की। इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने और सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल समावेशी व एकीकृत गतिशीलता प्रदान करना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार के दृष्टिकोण के साथ हिमाचल में वर्ष 2030 तक शत प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग सुनिश्चित किया जाएगा। इस नीति को सरकारी संस्थाओं द्वारा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने व रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए तैयार किया जा रहा है। निजी चार्जिग स्टेशन को बढ़ावा देने तथा बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए व्यवहारिक व्यापार मॉडल विकसित किया जाएगा। नीति के तहत होटल तथा शॉपिग मॉल जैसे व्यवसायिक भवनों में चार्जिग स्पॉट का प्रावधान रखा गया है। पूरे प्रदेश में घरेलू उपयोगकर्ता इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बिजली की घरेलू दर वसूली जाएगी। सार्वजनिक चार्जिग सुविधा और चार्जिग स्टेशनों में नॉन कमर्शियल बिजली की दरें लागू होंगी। हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग समय-समय पर इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों की बिजली दरों को निर्धारित करने वाला अंतिम प्राधिकरण होगा। राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड को मल्टी पर्पज प्रोजेक्ट्स एंड पावर विभाग द्वारा राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिग व्यवस्था स्थापित करने के लिए राज्य नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। राज्य नोडल एजेंसी सार्वजनिक व्यवसायिक चार्जिंग स्टेशनों पर सेवा शुल्कों की दरों को निर्धारित करेंगी। उन्होंने नोडल एजेंसी को प्रमुख मार्गो पर चार्जिग स्टेशनों की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।