हिमाचल खुद तय करेगा शराब और पेट्रो पदार्थों की कीमत
पेट्रोलियम उत्पादों में पेट्रोल व डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कितना रहेगा, इसे प्रदेश सरकार तय करेगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को मंजूरी प्रदान करने के लिए प्रदेश विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुक्रवार से शुरू होगा। पहले दिन मंत्री कर्ण सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश करने के बाद विधानसभा की कार्रवाई स्थगित हो जाएगी। शनिवार को केंद्रीय जीएसीटी विधेयक 2017 को मंजूरी प्रदान करने के लिए इसे विधानसभा में पेश कर पारित करने के बाद केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा।
पहली जुलाई से देश में एक समान कर प्रणाली लागू होगी। इससे जो वस्तुएं दिल्ली में जिस भाव पर मिलेंगी, उसी मूल्य में प्रदेश के सभी स्थानों पर उन्हें लोग खरीद सकेंगे। पेट्रोलियम उत्पादों में पेट्रोल व डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कितना रहेगा, इसे प्रदेश सरकार तय करेगी। इसके अतिरिक्त एयर ट्रांसपोर्ट फ्यूल (एटीएफ) पर सरकार अतिरिक्त वैट लगाती है। हालांकि शराब व पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें हिमाचल सरकार ही तय करेगी। फिलहाल पेट्रोलियम पदार्थों व शराब पर वैट यथावत रहेगा।
मालभाड़ा बढऩे से वस्तुओं के दाम में भिन्नता नहीं रहेगी। हिमाचल को जीएसटी से सालाना 300 करोड़ तक अधिक कर राजस्व प्राप्त होगा। प्रदेश की पहचान सेब से होती है और फलों व कृषि उत्पादों को करों के दायरे से मुक्त रखा गया है। दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) का निर्धारण
करती रहेगी। सामान्य कर प्रणाली लागू होने की स्थिति में यदि प्रदेश को किसी प्रकार का राजस्व नुकसान होता है तो उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। प्रदेश सरकार की ओर से विधानसभा सचिवालय को जीएसटी पर 400 पन्नों का विधेयक प्राप्त हो चुका है जिस पर चर्चा होने के बाद इसे पारित किया जाएगा।
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