Corona virus: कोरोना वायरस को लेकर हिमाचल सतर्क, लोगों को किया जागरुक; जानें कया हैं इसके लक्षण
Symptoms of Corona Virusशिमला में लोगों को कोरोना वायरस से सतर्क रहने की सलाह देते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगाें को इसके लक्षण भी बताये।
शिमला, जेएनएन। चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से बिगड़े हालात को देखते हुए प्रदेश स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। राजधानी में इससे निपटने के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) और दीन दयाल उपाध्याय (रिपन) अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। अस्पताल में आए मरीजों और तीमारदारों को इस वायरस के प्रति जागरूक किया जा रहा है। अब ग्रामीण स्तर पर भी लोगों को वायरस की जानकारी दी जाएगी ताकि समय रहते लोग इससे अपना बचाव कर सकें।
मंगलवार शाम साढे़ चार बजे मुख्य स्वास्थ्य सचिव आरडी धीमान ने जिले के सभी सीएमओ से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। सीएमओ शिमला जितेंद्र चौहान ने बताया कि सरकार ने ग्रामीण स्तर पर लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। अब पंचायतों की ग्राम सभाओं में वायरस के लक्षण, बचाव और इसके कारणों की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर भी ब्लॉक लेवल में लोगों को इससे बचाव की जानकारी देंगे। सीएमओ जितेंद्र चौहान ने बताया कि मौजूदा समय में अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में प्राइवेट प्रोटेक्शन किट उपलब्ध हैं। ये किट वायरस के संदिग्धों और उनके आसपास रहने वाले लोगों को दी जाएगी।
कोरोना वायरस के लक्षण
डॉक्टरों का मानना है कि सर्दियों के दिनों में विषाणु अधिक एक्टिव हो जाते हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कोरोना वायरस के लक्षण में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द, अस्वस्थता का अहसास होना, छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान महसूस करना, निमोनिया, फेफड़ों में सूजन और बुखार शामिल है, जो कुछ दिन तक रह सकता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों यानी जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कम है ऐसे लोगों के लिए यह घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसानी से शिकार हो सकते हैं।
आइजीएमसी में नहीं हुए टेस्ट
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में मंगलवार को एसआरएल लैब में हृदय संबंधी टेस्ट नहीं हुए। मशीनें खराब होने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ा। इस पर एक तीमारदार ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवा दी है। शिकायत दर्ज होने के बाद अस्पताल एमएस से जवाब मांगा गया है। अर्की निवासी राजेश ने बताया कि उनके पिता को स्टंट डलवाने के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। एसआरएल लैब के अधिकारी मशीन खराब होने का हवाला देकर टेस्ट करवाने से इन्कार कर रहे हैं। अस्पताल के एमएस डॉक्टर जनकराज ने बताया कि एसआरएल लैब में टेस्ट न किए जाने का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है।