Move to Jagran APP

अध्यापकों की कमी पर शिक्षा सचिव फिर हाईकोर्ट में तलब

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के कारणों पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर शिक्षा सचिव को फिर कोर्ट तलब किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 09:34 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 09:34 PM (IST)
अध्यापकों की कमी पर शिक्षा
सचिव फिर हाईकोर्ट में तलब
अध्यापकों की कमी पर शिक्षा सचिव फिर हाईकोर्ट में तलब

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के कारणों पर संतोषजनक उत्तर न देने पर हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव को एक बार फिर अदालत में पेश होने का आदेश दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के बाद शिक्षा सचिव से पूछा है कि शिक्षा विभाग में रिक्त सभी प्रकार के पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

loksabha election banner

कोर्ट ने कहा कि शिक्षा सचिव का शपथपत्र पिछले आदेशानुसार नहीं है। कोर्ट ने सरकार से जानकारी मागी थी कि स्कूलों में हर विषय के अनुसार रिक्त पदों की संख्या कितनी है। जिले के अनुसार कितने स्कूल हैं, कितने पदों को भरने के लिए हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को मांग भेजी गई है और कितने समय में रिक्त पदों को भरा जाएगा। यह जानकारी सचिव के शपथपत्र के माध्यम से न्यायालय के समक्ष रखने के आदेश जारी किए गए थे। शिक्षा सचिव ने पिछले शपथपत्र में कहा था कि स्कूलों में अध्यापकों की कमी की एक वजह अदालतों में लंबित मामलों का होना भी है। इस पर कोर्ट ने पूछा था कि वे कौन से मामले हैं जिनके कारण सरकार स्कूलों में रिक्त पदों को नहीं भर रही है। वास्तविकता यह है कि शिक्षा विभाग कोर्ट के आदेशों के बावजूद शिक्षकों को समय पर नियुक्ति प्रदान नहीं करता है जिसका खामियाजा स्कूली विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है। इस मामले में नियुक्त एमिक्स क्यूरी ने बताया शिक्षा विभाग के लिए शिक्षकों को वेतन देने को लेकर जारी कुल बजट का 23 प्रतिशत हिस्सा केवल इसलिए लैप्स हो जाता है कि ये पद नहीं भरे गए है। कोर्ट ने कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष को भी व्यक्तिगत शपथपत्र के माध्यम से यह बताने को कहा कि शिक्षकों के पदों को भरने के लिए कितने दिन में चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया कि वह इस संबंध में जरूरी प्रक्रिया जल्द पूरी करे। सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री को इस जनहित याचिका की जानकारी व समय-समय पर जारी कोर्ट के उपरोक्त आदेशों से अवगत करवाया जाएगा। मामले पर 13 सितंबर को सुनवाई होगी। प्राइमरी स्कूलों में 1754 पद रिक्त

शिक्षा सचिव के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में 1754, अपर प्राइमरी स्कूलों में 2499 व सीएंडवी अध्यापकों जिनमें ओरल टीचर, भाषा अध्यापक, कला अध्यापक व शारीरिक शिक्षा अध्यापक हैं, उनके 5277 पद रिक्त हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.