वृद्धाश्रम न बनाने पर प्रधान सचिव हाईकोर्ट में तलब
प्रदेश के प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम न बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव (सामाजिक न्याय और अधिकारिता) को 5 दिसंबर के लिए तलब किया है। राज्य के अधिकारियों के ²ष्टिकोण पर गंभीर चिता व्यक्त की।
विधि संवाददाता, शिमला : हिमाचल के हर जिले में वृद्धाश्रम न बनाने के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव (सामाजिक न्याय और अधिकारिता) को पांच दिसंबर को तलब किया है। राज्य सरकार के अधिकारियों के दृष्टिकोण पर गंभीर चिता व्यक्त करते हुए मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ कि खंडपीठ ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर अधिकारियों को लचर कार्यप्रणाली नहीं अपनानी चाहिए।
खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताए कि हिमाचल प्रदेश में करीब कितने वृद्ध हैं जिन्हें वृद्धाश्रम की जरूरत है। प्रदेश के सभी जिलों में वृद्ध आश्रम बनाए जाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
अदालत को बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (भारत) द्वारा जारी आंकड़ों और वर्ष 2011 में आयोजित जनगणना के तहत हिमाचल प्रदेश उच्चतम वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में देश का चौथा राज्य है। हिमाचल में सात लाख लोग 60 वर्ष व इससे अधिक आयु के हैं जो प्रदेश की जनसंख्या का 10.2 फीसद है। यह राष्ट्रीय औसत 8.6 फीसद से अधिक है। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाईं है कि राज्य सरकार को आदेश दिए जाएं कि प्रदेश में वृद्धाश्रम, डे-केयर सेंटर व हेल्पलाइन स्थापित की जाए।