जेबीटी भर्ती में हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
जागरण संवाददाता शिमला जेबीटी भर्ती में बीएड को पात्र मानने के संबंध में हाईकोर्ट के फैस
जागरण टीम, शिमला : जेबीटी भर्ती में बीएड को पात्र मानने के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही सरकार स्पेशल लीव पेटिशन (एसएलपी) दायर करेगी व उच्च न्यायलय में भी पुर्नविचार याचिका दायर करेगी। जेबीटी और डीएलएड प्रशिक्षुओं के केस को सरकार खुद लड़ेगी। शिक्षा मंत्री गोविद सिंह ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले पर विस्तृत चर्चा की गई थी। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग को इस मामले में सभी कानूनी पक्षों को देखने के लिए अधिकृत किया था। 40 हजार जेबीटी और डीएलएड डिप्लोमा धारकों ने राहत की सांस ली है।
शिक्षा मंत्री गोविद ठाकुर ने बुधवार को सचिवालय में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और कानूनी राय भी इस पर ली गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि ऐसे ही एक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट से जेबीटी प्रशिक्षुओं के पक्ष में आए फैसले को एसएलपी और पुनर्विचार याचिका में आधार बनाया जाएगा। सरकार जेबीटी प्रशिक्षुओं को उनका हक दिलाने के लिए हर प्रयास किया जाएगा। पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षुओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। सरकार का मानना है कि जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षु ही इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए सक्षम हैं। अब न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखेंगे।
क्या कहा था हाईकोर्ट ने
प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं कि वो 28 जून, 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी के पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे। कोर्ट के इस फैसले से अब जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र होंगे। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें भी जेबीटी भर्ती के लिए कंसीडर किया जाए क्योंकि वो बीएड डिग्रीधारक होने के साथ साथ टेट उज्जीर्ण भी है और एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं।
भर्ती में होगी देरी, आरएंडपी नियमों में अभी बदलाव नहीं
सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देने जा रही है। कोर्ट के आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। प्रदेश में 40 हजार युवाओं ने जेबीटी और डीएलएड डिप्लोमा किया हुआ है। वे पिछले काफी समय से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। अब कोर्ट में मामला फिर जाने से भर्ती प्रक्रिया में देरी होगी। सरकार फिलहाल भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कोई बदलाव नहीं करेगी। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की उधेड़बुन के कारण शिक्षा विभाग में जेबीटी (कनिष्ठ बुनियादी शिक्षकों) की भर्ती नहीं कर पाया। इस कारण डिप्लोमाधारक बेरोजगारों की संख्या साल दर साल बढ़ती रही।