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नगर निगम नियमों में हो सकता है संशोधन

प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव अगले साल दिसंबर में होंगे। हालांकि पंचायतों में पांच साल का कार्यकाल जनवरी 2021 में पूरा होना है लेकिन खराब और बर्फबारी मौसम को ध्यान में रखते हुए दिसंबर माह में चुनावी प्रक्रिया पूरी करने के लिए शेडयूल तैयार होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की सभी पंचायतों में मतदाता सूचियों में संशोधन का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार पंचायतीराज संस्थाओं के साथ-साथ शहरी निकाय के चुनाव करवाने की सोच रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:15 AM (IST)
नगर निगम नियमों में हो सकता है संशोधन
नगर निगम नियमों में हो सकता है संशोधन

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव अगले साल दिसंबर में होंगे। हालांकि पंचायतों में पांच साल का कार्यकाल जनवरी 2021 में पूरा होना है लेकिन खराब मौसम और बर्फबारी को ध्यान में रखते हुए दिसंबर में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लिए शेड्यूल तैयार होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की सभी पंचायतों में मतदाता सूचियों में संशोधन का काम शुरू कर दिया है।

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प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं के साथ शहरी निकाय के चुनाव करवाने की सोच रही है। हालांकि नगर निगम धर्मशाला का चुनाव अगले साल दिसंबर में तय है लेकिन नगर निगम शिमला के लिए डेढ़ साल का गैप पड़ेगा। ऐसे में शहरी निकाय के चुनाव भी एक साथ करवाने के लिए नगर निगम शिमला एक्ट में संशोधन करना पड़ेगा। नगर निगम शिमला का कार्यकाल जून 2022 में पूरा होने वाला है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार नगर निगम नियमों में संशोधन कर सकती है ताकि दोनों नगर निगमों, पंचायती राज, नगर परिषद व नगर पंचायतों का चुनाव एक साथ हो सके।

सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार अब हिमाचल में नगर निगम, शहरी निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ करवाना चाहती है। इसमें सबसे बड़ी समस्या शिमला नगर निगम के चुनाव समय से पहले करवाना है। हालांकि पंचायती राज मंत्री इस संबंध में कह चुके हैं कि पंचायती राज और शहरी निकाय के चुनाव एक साथ करवाए जा सकते हैं। वर्ष 2015 में प्रदेश की सभी पंचायतों सहित सभी शहरी निकाय में नगर निगम शिमला को छोड़कर चुनाव हुए थे। नगर निगम शिमला का चुनाव वर्ष 2017 में हुआ था। प्रदेश में पंचायती राज चुनाव दिसंबर 2020 में करवाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रदेश में दो नगर निगम शिमला और धर्मशाला के अलावा 52 नगर निकाय हैं। इनमें 31 नगर परिषद और 21 नगर पंचायत शामिल हैं। प्रदेश में 12 जिला परिषद, 78 पंचायत समीतियां और 3226 ग्राम पंचायतें हैं। उपायुक्तों से 31 दिसंबर तक मांगे सुझाव

पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों से 31 दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं कि पंचायत पुनर्गठन को लेकर क्या स्थिति है। उसके बाद 31 मार्च से पहले पूरा ब्योरा तैयार करना होगा। ऐसा इसलिए किया जाना है ताकि दिसंबर 2020 में होने वाले पंचायती राज चुनाव में कोई दिक्कत न आ सके। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में 3.76 लाख नए मतदाता बने हैं। अभी 54 लाख 76 हजार मतदाता हैं। वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में 43 लाख मतदाता थे। राज्य निवार्चन आयोग और पंचायती राज विभाग ने प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग ने प्रदेश सरकार से पुनर्सीमांकन सहित अन्य मामलों को 31 मार्च से पहले निपटाने के लिए कहा है।


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