रिपन अस्पताल में बढ़ेगी बिस्तरों की संख्या
शिमला के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए गैस पाइपलाइन बिछाने की तैयारी चल रही है। साथ ही अस्पताल में बिस्तरों संख्या भी बढ़ाई जानी है। कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य (एसीएस हेल्थ) ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
रिपन में ऑक्सीजन की सुविधा वाले 100 अतिरिक्त बैड तैयार किए जाएंगे ताकि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ऑक्सीजन देने उपलब्ध करवाने की व्यवस्था हो। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। समय में अस्पताल के नए भवन में 90 बैड वाला आइसालेशन वार्ड तैयार किया गया है। बैडों की संख्या बढ़ाने के लिए अस्पताल प्रशासन पुराने भवन में खाली पड़े वार्डो का भी इस्तेमाल कर सकता है। एसीएस हेल्थ आरडी धीमान ने बताया कि कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए कोरोना समर्पित अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। रिपन में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए गैस पाइपलान बिछाने के निर्देश दिए गए हैं।
लंबे समय से थी गैसपाइप लाइन बिछाने की मांग
अस्पताल में लंबे समय से ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए गैस पाइपलाइन बिछाने की मांग चल रही थी। अस्पताल के नए भवन को बने हुए तीन साल हो चुके थे लेकिन किन्हीं कारणों से अस्पताल में गैस पाइप लाइन बिछाने की योजना टाली जा रही थी। कोरोना काल में ऑक्सीजन की सप्लाई की उपलब्धता आवश्यक होने के कारण अस्पताल में पाइपलाइन बिछाने की ैतैयारी चल रही है। इसके अलावा जिला शिमला के साथ जिला किन्नौर के गंभीर मरीज भी रिपन में शिफ्ट किए जाएंगे। इसलिए यह व्यवस्था करना अनिवार्य हो गया था।
कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों को पड़ती है ऑक्सीजन की जरूरत
कोरोना पॉजिटिव मरीजों में लक्षण नजर आने पर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। हालांकि जिले में अधिकतर पॉजिटिव मरीजों में लक्षण नजर नहीं आए हैं लेकिन एहतियात के तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई उपलब्ध करवाई जानी है। रिपन को कोराना समर्पित अस्पताल बनाने के बाद कोरोना के अलावा सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी गई हैं। कोरोना ओपीडी के साथ आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के चेकअप से लेकर टेस्टिग प्रक्रिया चल रही है। कोरोना के प्रति जागरूक होते हुए अस्पताल में सैंपलिग बढ़ गई है। रोजाना करीब 30 से 40 सैंपल भरे जाते हैं।