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बर्फबारी ने लाल किए बागवानों के चेहरे

संजय भागड़ा रामपुर बुशहर सेब बाहुल क्षेत्रों में कई दिन से बारिश और बर्फबारी न होने स

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 04:54 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 04:54 PM (IST)
बर्फबारी ने लाल किए बागवानों के चेहरे
बर्फबारी ने लाल किए बागवानों के चेहरे

संजय भागड़ा, रामपुर बुशहर

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सेब बाहुल क्षेत्रों में कई दिन से बारिश और बर्फबारी न होने से सेब की आगामी फसल पर संकट के बादल घिरने लगे थे। लेकिन बारिश व बर्फबारी से बागवानों को कुछ राहत मिली है। ऐसे में बगीचों में रुके कार्य अब शुरू किए जा सकेंगे। अभी तक बगीचों में नमी न होने के कारण सेब के नए पौधे लगाने में बागवानों को दिक्कत हो रही थी। हालांकि बागवान सेब के पौधे लगा रहे थे और अब उन्हें यह बर्फबारी संजीवनी साबित होगी। वहीं बर्फबारी से चिलिंग आवर्स भी पूरे हो सकेंगे।

कई साल से मौसम में आ रहे बदलाव के कारण बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बागवान अपनी फसलों के लिए मार्च या अप्रैल में होने वाली बारिश को इतना फायदेमंद नहीं मानते हैं। इन दिनों बगीचों में सेब के पौधों की कांटछांट और स्प्रे करने का काम भी किया जा रहा है। इसके बाद बगीचों में खाद भी डाली जानी है। ऐसे में इन दिनों होने वाली बारिश-बर्फबारी से सेब के पौधों को पूरी तरह से नमी मिलेगी। रामपुर उपमंडल में सेब की पैदावार पर ज्यादातर लोगों की आर्थिकी निर्भर करती है।

गत वर्ष अप्रैल में बरसात और ठंड पड़ने के कारण सेब की फसल को काफी नुकसान हुआ था और कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उम्मीद से काफी कम फसल हुई थी। ऐसी स्थिति में बर्फबारी ही बचा सकती है। बागवानों से बातचीत

कोरोना महामारी ने बागवानों की कमर तोड़ दी है और इस वर्ष जनवरी में बारिश व हिमपात न होने के कारण फसलों को नुकसान होने की संभावना थी लेकिन बुधवार रात व वीरवार को होने वाली बर्फबारी से कुछ आस बंधी है। जमीन को कुछ नमी मिलने से अब स्प्रे और नए पौधों को लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

- विवेक शर्मा, निवासी रामपुर। जनवरी में बारिश व बर्फबारी न होने के कारण जमीन में नमी नहीं रही है। बागवान बीती रात से हो रही बारिश से अब और रुके हुए कार्य शुरू किए जा सकते हैं। हर साल जनवरी में बर्फबारी होती थी लेकिन इस साल न होने के कारण बगीचों में कामकाज ठप हो गए थे। आने वाले दिनों में सेब की सेटिग में इसका असर देखने को मिलेगा।

- मुकेश शर्मा, निवासी धार गौरा। कम ऊंचाई वाले सेब के बागवानों को मौसम की बेरुखी की मार हर बार झेलनी पड़ती है। बीते वर्ष अप्रैल में ठंड पड़ने के कारण सेटिग प्रभावित हुई थी और सेब की फसल उम्मीद से काफी कम रही। इस वर्ष जनवरी में बारिश न होने के कारण जमीन सूखी है। इससे बगीचों में इन दिनों किए जाने वाले काम भी देरी से हो रहे हैं परंतु अब हुई बारिश से कुछ राहत मिलेगी।

- अरविद सूद, निवासी ज्यूरी।


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