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एचआरटीसी अफसरों की भर्ती में धांधली

एचआरटीसी ेमें अफसरों की भर्ती में धांधली हुइ्र है। भर्ती रद कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:14 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:14 PM (IST)
एचआरटीसी अफसरों की भर्ती में धांधली
एचआरटीसी अफसरों की भर्ती में धांधली

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का अधीनस्थ लेखा सेवाओं से जुड़े सेक्शन ऑफिसरों की भर्ती में धांधली बरती गई। भर्ती सेक्शन ऑफिसर (अधीनस्थ लेखा सेवाएं) के पदों के लिए की गई थीं। नियमों को दरकिनार कर क्लास टू ऑफिसर पद के लिए कंडक्टर व क्लर्क चयनित किए गए। जयराम सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने पाया कि लिखित परीक्षा में गड़बडि़यां हुई हैं। इसकी गोपनीयता पर सवाल उठाए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने इस भर्ती को रद कर दिया है।

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सूत्रों ने बताया कि निगम प्रबंधन ने इस बैठक से पहले ही पिछले साल छह फरवरी को पेपर सेटर एजेंसी तय कर ली थी। बीओडी ने फैसला इसके बाद 16 फरवरी को लिया। पेपर सेट करने वाले को 74500 रुपये फीस दी जानी थी। जब फीस चुकाने की बारी आई तो दो अलग लोगों के नाम पर पैसा जमा करवाने को कहा गया। परीक्षा रिकॉर्ड देखने वाला भी चुना

परीक्षा का रिकॉर्ड देखने वाला भी आवेदक था। उसका भी चयन हो गया। कई कंडक्टरों का भी चयन हुआ। ये सभी निगम के ही कर्मचारी थे। चहेतों की भर्ती

आरोप है कि तत्कालीन सरकार के चहेतों की भर्ती की गई। आरएंडपी रूल्स की अनदेखी हुई। परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से नहीं करवाई गई, सिर्फ आयोग का हॉल बुक करवाया गया। भर्ती में रोस्टर को भी फॉलो नहीं किया गया। 11 पद, 83 आवेदन

11 पदों के लिए एचआरटीसी के 83 कर्मचारियों ने आवेदन किया, जो कंडक्टर व क्लर्क थे। पहले नौ पद भरे जाने थे। बाद में बीओडी ने 11 पद भरने की स्वीकृति दी। पदों का उचित प्रचार भी नहीं किया गया। सेक्शन ऑफिसर (अधीनस्थ लेखा सेवाएं) क्लास टू राजपत्रित अधिकारी कहलाता है। इन्होंने की जांच

राज्य सरकार ने शिकायत के आधार पर कार्यकारी निदेशक अश्रि्वनी कुमार शर्मा, सीजीएम एचके गुप्ता व डीएम प्रशासन राजेश चौहान को जांच सौंपी। ज्वाइनिंग पर थी रोक

हिमाचल मजदूर संघ ने भर्ती के दौरान विजिलेंस व प्रधान सचिव परिवहन से शिकायत की थी लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजदूर संघ ने जयराम सरकार से फिर शिकायत की। सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी थी।


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