फर्जी लेटर के साथ ज्वाइनिंग के लिए आइजीएमसी पहुंच गए चार युवा, पुलिस ने की कार्रवाई
Fake Joining Letter फर्जी ज्वाइनिंग लैटर के साथ चार युवा आइजीएमसी पहुंचे। इस संबंध में पुलिस से शिकायत की गई है।
शिमला, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में मंगलवार को चार युवा फर्जी ज्वाइनिंग लैटर लेकर पहुंच गए। बिना सूचना के ज्वाइनिंग लैटर का जारी होना इन युवाओं को शक के घेरे में ले आया। अस्पताल प्रशासन ने जांच के दौरान ज्वाइनिंग लैटर्स को फर्जी पाया। मामले की शिकायत पुलिस से की गई है। नौकरी की चाह में चंबा निवासी चार युवा आइजीएमसी पहुंचे। इनमें से तीन युवा पैरामेडिकल स्टाफ के लिए जबकि एक युवती स्टाफ नर्स के पद के लिए आई थी।
बताया जा रहा है कि इनके ज्वाइनिंग लैटर आइजीएमसी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा (टीएमसी) और मेडिकल कॉलेज चंबा के प्रिंसिपल की ओर से जारी किए गए थे। इनके साथ डिप्टी एमएस की फर्जी स्टैंप भी लगी थी। ये युवा ज्वाइनिंग लैटर से संबंधित कई प्रश्नों का उत्तर देने में असमर्थ रहे। आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि ज्वाइनिंग लैटर्स की छानबीन की जा रही है। इस संबंध में शिमला के एसपी ओमापति जम्वाल को सूचित किया गया है। मामले में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, एसपी ओमापति जम्वाल ने कहा कि इस मामले में शिकायत मिली है। चंबा पुलिस को मामला भेज दिया है। आइजीएमसी में नहीं डिप्टी एमएस का पद आइजीएमसी में कुछ समय पहले तक डिप्टी एमएस का पद था। प्रशासनिक कारणों से यह पद खत्म कर दिया गया है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि डिप्टी एमएस आइजीमएसी के नाम से जारी कोई लैटर वैध नहीं होगा। अगर इस पद के नाम से नौकरी या अन्य कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जाते हैं तो वे मान्य नहीं होंगे। इस प्रकार की सूचना या मामला ध्यान में आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
आइजीएमसी में सैकड़ों पद खाली
आइजीएमसी में विभिन्न श्रेणियों के सैकड़ों पद खाली हैं। अस्पताल में वरिष्ठ सहायकों के आठ, जूनियर असिस्टेंट के 20, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आइटी) के 27, फार्मासिस्ट के 12, लैब असिस्टेंट के 27, मेडिकल लैब टेक्नीशियन के आठ, स्टाफ नर्स के 208, वार्ड सिस्टर के 14, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 60 पद और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के करीब 30 पद खाली हैं। इस कारण स्टाफ पर अतिरिक्त कार्यभार है।