चार सरकारें बदलीं, पर नहीं बना चाटी पुल
शहर में यातायात जाम की समस्या आज की नहीं बल्कि कई साल से सामने आ रही है। इसके समाधान के लिए 17 साल पहले चाटी के पास पुल बनाने की पहल की लेकिन काम आगे नहीं बढ़ सका।
संजय भागड़ा, रामपुर बुशहर
शहर में यातायात जाम की समस्या आज की नहीं, बल्कि कई साल से सामने आ रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2005 में चाटी के पास बड़ा पुल बनाकर समस्या के समाधान करने की पहल तो की गई थी, लेकिन आज 17 साल बीत जाने के बाद भी यह योजना सिरे नहीं चढ़ी है और न ही पुल का निर्माण हो सका। प्रदेश में चार सरकारें बदलीं लेकिन रामपुर क्षेत्र में चाटी के समीप पुल नहीं बन सका। जबकि इस पुल के निर्माण के लिए रामपुर जलविद्युत परियोजना से करीब सात करोड़ रुपये उपायुक्त कुल्लू के पास लाडा के तहत जमा भी किए गए हैं।
चाटी पुल के लिए वर्ष 2005 में बनने की लागत करीब नौ करोड़ के करीब थी, लेकिन समय बढ़ने के साथ देरी होने पर अवश्य ही इसकी लागत भी बढ़ना तय है। इस पुल के निर्माण से कई बड़ी और गंभीर समस्याओं का निवारण हो सकता है। रामपुर शहर में दिनोंदिन बढ़ रही ट्रैफिक समस्या को हल करने में यह पुल अहम भूमिका निभा सकता है। रामपुर के सामने ब्रो, जगातखाना और चाटी होकर बाईपास सड़क बहुत पहले ही तैयार हो चुकी है। यहां तक कि ब्रो के साथ वर्ष 2000 में एक बड़े पुल का निर्माण भी किया गया है। बाईपास के लिए ब्रो और चाटी पुलों का निर्माण किया जाना था। इसमें से अभी तक चाटी पुल निर्माण की योजना ठंडे बस्ते में है। वहीं साल में दो बार कई दिन तक ट्रैफिक को शहर के बाहर से गुजरने की सख्त आवश्यकता लवी व फाग मेले के दौरान रहती है। इसके अलावा किन्नौर की ओर जाने वाले भारी वाहनों को शहर के बाहर से निकालने में भी इस पुल का निर्माण अहम है। भूमि चयन प्रक्रिया भी हो चुकी है पूरी
इस पुल निर्माण के लिए काफी साल पहले ही भूमि चयन प्रक्रिया भी पूरी भी कर ली गई है। चाटी पुल रामपुर के न्यू बस स्टैंड के एकदम सामने बनाया जाना तय हुआ है और इस पुल के निर्माण से शिमला ही नहीं अपितु कुल्लू जिला की सात पंचायतों के हजारों लोगों को भी लाभ मिलेगा। रामपुर बाईपास को शुरू करने में केवल चाटी में बड़े पुल को बनाए जाने की ही दरकार है। अन्यथा सड़क का निर्माण तो कई साल पहले हुआ है और इस बाईपास को ब्रो से जोड़ने वाला पुल भी धूल फांक रहा है। रामपुर जलविद्युत परियोजना ने कुछ राशि जमा करवा दी है, लेकिन इस पुल के निर्माण के लिए उन पंचायतों से भी कुछ धनराशि जमा की जानी है, जिन पंचायतों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। लाभान्वित होने वाली सभी पंचायतों के साथ बातचीत चल रही है और जैसे ही पंचायतें इसमें अपना हिस्सा देंगी, वैसे ही पुल के निर्माण का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
- आशुतोष गर्ग, उपायुक्त कुल्लू।