इस राज्य में राह रोक रहा कोहरा, वाहन चालक बरतें सावधानी
Fog सर्द मौसम में हिमाचल में कोहरे की वजह से हादसे होने की आशंका होती है जिसके लिए लोक निर्माण विभाग और टूरिस्ट ट्रैफिक एंड रेलवे पुलिस संयुक्त तौर पर लोगों को जागरूक करती है।
शिमला, जेएनएन। पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी कोहरा घातक रूप धारण करता रहा है। बेशक यह पड़ोसी राज्यों की तरह कोहराम न मचा रहा हो लेकिन प्रदेश में आने वाले वाहन चालकों को कोहरे व धुंध वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने की जरूरत है। विशेषकर मैदानी क्षेत्रों में कोहरा वाहन चालकों की राह रोक रहा है। कारण यह है कि इन इलाकों में सर्द मौसम में कोहरे की समस्या गंभीर हो जाती है।
प्रदेश के ब्लैक स्पॉट वाली जगह वाहन चलाने में खतरा रहता है। प्रदेशभर में 400 के करीब स्थान ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में आते हैं। इसके लिए परिवहन, लोक निर्माण विभाग और टूरिस्ट ट्रैफिक एंड रेलवे (टीटीआर) पुलिस संयुक्त तौर पर लोगों को जागरूक करते हैं। संवेदनशील क्षेत्रों और कहां हादसे होने की आशंका ज्यादा रहती है, मिलकर ऐसे स्थानों को चिह्नित किया जाता है। बरसात के दिनों में जागरूकता अभियान चलाया जाता है। सर्दी का मौसम आते ही पुलिस ने भी वाहन चालकों को अलर्ट किया है। प्रदेश में कोहरे के कारण हर साल औसतन 50 हादसे होते हैं।
कोहरे वाली जगह बरतें सावधानी
सर्दी की अपेक्षा बरसात में ज्यादा हादसे होते हैं। कोहरे व धुंध के अलावा ज्यादा बारिश के कारण डंगे धंसने से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। लोक निर्माण विभाग व परिवहन विभाग के साथ मिलकर हादसों के कारणों को तलाशा जाता है।
ब्लैक स्पॉट दूर करने को कहा जाता है। आजकल वाहन चालकों को कोहरे वाले स्थानों में सावधानी बरतनी चाहिए। गाड़ी की गति कम रखें और फॉग लाइटों का प्रयोग करें।
-पदम चंद, एसपी, टूरिस्ट, ट्रैफिक एंड रेलवे पुलिस
संवेदनशील क्षेत्र
वे इलाके जहां धूप न लगती हो, वहां वाहन फिसलने का खतरा बना रहता है। सुंदरनगर, मंडी, नादौन, घुमारवीं, बिलासपुर, ऊना, मंडी, शिमला का शोघी व कुफरी संवेदनशील क्षेत्र हैं। इसके अलावा सर्दी में बर्फबारी होने की सूरत में प्रदेश के ऊंचाई वाले कई क्षेत्र भी संवेदनशील हो जाते हैं।
नासूर बनते हादसे
हिमाचल में सड़क हादसे लगातार गहरे जख्म दे रहे हैं। हादसों का बढ़ता ग्राफ किसी आपदा से कम नहीं है। हादसों में किसी के घर का चिराग बुझ जाता है तो किसी की मांग का सिंदूर उजड़ता है। सड़कों की खराब हालत, तेज रफ्तार, नशे का सेवन करने के बाद वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन सुनना आदि हादसों के कारण हैं। प्राकृतिक आपदा जैसे भारी बारिश व भारी हिमपात भी सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
साल में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत, करीब 65 हजार लोग घायल हुए प्रदेश में हादसों में लोग औसतन सड़क हादसों में मारे जा रहे, 13 जख्मी हो रहे हिमाचल में रोजाना।
पंजीकृत प्रमुख वाहन
- मोटरसाइकिल व स्कूटर, 837046
- कैब, 26880
- टैक्सी कैब, 14813
- कार, 474891
- गुड्स कैरियर, 162849
- ट्रैक्टर व्यवसायिक, 23890
- कृषि ट्रैक्टर, 8016
(हिमाचल में परिवहन विभाग के पास कुल पंजीकृत वाहन 1609654 हैं)
हिमाचल में कोहरे व धुंध के कारण हुए हादसे
वर्ष हादसे
2016 59
2017 56
2018 59
2019 42
(वर्ष 2019 के आंकड़े अक्टूबर तक
हिमाचल में हादसे
वर्ष हादसे मौतें घायल
2008 2736 848 4714
2009 3076 1140 5579
2010 3073 1102 5325
2011 3099 1353 5462
2012 2901 1109 5248
2013 2981 1054 5081
2014 3059 1199 5680
2015 3010 1097 5109
2016 3156 1163 5587
2017 3119 1176 5338
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