अब नहीं काटने होंगे थाने के चक्कर पुलिस चौकी में भी दर्ज होगी एफआइआर
हिमाचल में अब 100 चौकियों को रिपोर्टिंग पुलिस चौकी का दर्जा देने की अनुमति मिल गयी है डीजीपी ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। अपराध होने पर अब पीड़ित अथवा उनके परिजनों को थाने के चक्कर नहीं काटने होंगे। वे पुलिस चौकी में भी एफआइआर दर्ज करवा सकेंगे। प्रदेश सरकार ने 100 चौकियों को रिपोर्टिंग पुलिस चौकी का दर्जा देने की अनुमति दे दी है। डीजीपी एसआर मरडी ने इसकी पुष्टि की है। इन चौकियों में दो से तीन महीने के भीतर अपराधों के मामले दर्ज हो सकेंगे। तब तक वहां कंप्यूटर, स्कैनर व प्रिंटर स्थापित हो जाएंगे। सरकार ने यह सामान खरीदने के लिए अनुमति देकर एक करोड़ रुपये पुलिस को जारी कर दिए हैं।
पुलिस चौकियों में एफआइआर दर्ज होने की व्यवस्था की घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में भी की थी। गृह विभाग ने भी इसे अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है। पुलिस विभाग का कहना है कि एक करोड़ रुपये से रिपोर्टिंग पुलिस चौकियां बनाने की सुविधा जल्द उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि लोगों को त्वरित न्याय मिल सके। लोग अब निकटतम पुलिस चौकी में भी प्राथमिकी दर्ज करवा सकेंगे।
डीजीपी एसआर मरडी के अनुसार पुलिस चौकियों को रिपोर्टिंग पुलिस चौकी का दर्जा देने का मामला प्रदेश सरकार से प्रमुखता से उठाया गया था। अभी कुछ धन और मांगेंगे। उम्मीद है कि और राशि मिल जाएगी। कोशिश है कि अपराध पीड़ितों को एफआइआर दर्ज करवाने के लिए दूर न जाना पड़े।
वैज्ञानिक तरीके से होगी जांच
जांच के लिए पुलिस अब वैज्ञानिक तौर तरीके अपनाएगी। मौके से सुबूत एकत्र करने हों या इलेक्ट्रिक एविडेंस जुटाने हों, आइटी सेल को और मजबूती प्रदान की जाएगी। तफ्तीश से जुड़ी किटों के प्रयोग पर भी जांच अधिकारियों को प्रशिक्षण मिलेगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर साझा की मन की बात, जाानिये क्या कहा