टीजीटी की वरिष्ठता सूची में खामी
हिमाचल प्रदेश में 17 हजार प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी) की वरिष्ठता सूची में कई गलतियां पाई गई हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश में 17 हजार प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी) की वरिष्ठता सूची में कई खामियां पाई गई हैं। राजकीय टीजीटी कला अध्यापक संघ के अनुसार 74 टीजीटी को सीनियर दिखा दिया गया है और 423 शिक्षक उनसे जूनियर बना दिए गए हैं। भले ही उनकी तैनाती की तिथि उन 74 टीजीटी की नियुक्ति तिथि से पूर्व की है। इन शिक्षकों के नाम मुख्य वरिष्ठता सूची से भी गायब हैं। वरिष्ठता का यह निर्धारण अब इन शिक्षकों के लिए पदोन्नति के मार्ग में बड़ा रोड़ा साबित हो रहा है।
राजकीय टीजीटी कला संघ ने शिक्षा विभाग से वरिष्ठता क्रमांक 14000 से 15000 की वरिष्ठता को रिव्यू करने की मांग उठाई है। संघ के अनुसार 30, नवंबर 2011 को एक वरिष्ठता सूची जारी की गई थी, जिसमें क्रमांक 14334 से 14757 की वरिष्ठता सूची जारी की गई थी, जिसे फाइनल वरिष्ठता सूची बनाते हुए नजरअंदाज किया गया। इस सूची के शिक्षकों के नाम मुख्य सूची में भी नहीं मिल रहे। 14333 वरिष्ठता क्रमांक किसी भी कर्मचारी को नहीं दिया गया। 14332 क्रमांक पर 74 शिक्षकों को वरिष्ठता बैक डेट से दी गई, जिनकी तैनाती अगस्त से सितंबर 2009 को हुई। यह लाभ हाईकोर्ट के केस संख्या सीडब्ल्यू पी 1811/2008 और 4273/2011, 7376/2010 के एवज में दिया गया, जिनमें हाईकोर्ट ने नियुक्ति तिथि से नियमित सेवालाभ दिए, जिसके चलते नया वरिष्ठता लाभ दिया गया। वरिष्ठता निर्धारण का आधार चयन बोर्ड परीक्षा मेरिट था। मगर जिन टीजीटी की तैनाती इन समस्त शिक्षकों से पहले की है, वे इसमें विभागीय समीक्षा की मांग उठा रहे हैं।
यहां जारी बयान में संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन लाल, महासचिव विजय हीर ने कहा कि टीजीटी वरिष्ठता सूचियों की समीक्षा आवश्यक है। वर्ष 2016 से 2020 के मध्य नियुक्त टीजीटी या जेबीटी से पदोन्नत जिन टीजीटी के नाम वरिष्ठता सूचियों से गायब हैं, उनके नाम स्कूलों से भेजने और मौजूदा वरिष्ठता सूची से जुड़ी आपत्तियों को आमंत्रित करने का सर्कुलर जारी किया जाए।