जानिये क्यों पांचवी-आठवीं कक्षा में दोबारा शुरु होगी फेल की नीति
संसद की मंजूरी मिलने के बाद फेल न करने की नीति में संशोधन कर दोबारा फेल करने की व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। पांचवीं और आठवीं में फेल करने की नीति दोबारा शुरू हो सकती है यानी इन कक्षाओं में पढऩे वाला बच्चा यदि बेहतर पढ़ाई नहीं करेगा और परीक्षा में पास होने के लिए तय अंकों से कम अंक लेगा तो उसे फेल किया जाएगा। इस संबंध में हाल ही दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसमें फेल न करने की नीति में संशोधन कर फेल करने की नीति को दोबारा लागू करने के अधिकतर राज्यों ने हामी भरी है। इस नीति को लेकर बोर्ड ने 26 अक्टूबर 2015 को उप समिति का गठन किया था।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में हुई बैठक में 23 राज्यों ने फेल न करने की नीति में संशोधन की बात कही है। आठ राज्यों ने फेल न करने की नीति को बनाए रखने की बात कही है। उप समिति की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड ने प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया है। अब इस प्रस्ताव पर संसद में लाया जाएगा। संसद की मंजूरी मिलने के बाद फेल न करने की नीति में संशोधन कर दोबारा फेल करने की व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
हिमाचल सहित 15 राज्यों ने दिया सुझाव
राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड द्वारा गठित की उप समिति की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश सहित पंजाब, गुजरात, मिजोरम, दिल्ली, त्रिपुरा, जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, ओडि़शा, नगालैंड, मध्य प्रदेश ने फेल न करने की नीति में संशोधन करने के लिए अपने सुझाव दिए हैं। अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
अभी तो इस पर प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे मंजूरी के लिए संसद में भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद ही इसमें संशोधन होगा।
-अरुण शर्मा, सचिव, शिक्षा विभाग।
फेल न करने की नीति से हो रहा पढ़ाई का नुकसान
प्रदेश सरकार ने कहा कि फेल न करने की नीति के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में असर पड़ रहा है। इसके कारण न तो शिक्षक सही ढंग से विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं और विद्यार्थियों को फेल होने का कोई डर नहीं है, जिसके चलते वे पढ़ाई में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसलिए दोनों कक्षाओं में फेल करने की व्यवस्था दोबारा शुरू करने की जरूरत है। इससे शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।
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