कर्मचारियों की पेंशन बहाली तक राजन सुशांत नहीं लेंगे पेंशन
प्रदेश में नया क्षेत्रीय राजनीतिक दल बनाने की तैयारी में लगे पूर्व मंत्र
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश में नया क्षेत्रीय राजनीतिक दल बनाने की तैयारी में लगे पूर्व मंत्री व सांसद राजन सुशांत ने प्रदेश में डेढ़ लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिलने तक अपनी विधायक पेंशन नहीं लेने का एलान किया है। वीरवार को शिमला में अपने आवास पर पत्रकारों से उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारी हजार से ढाई हजार पेंशन लेने को मजबूर हैं। साथ ही आरोप लगाया कि पुरानी पेंशन केंद्र ने बंद नहीं की है। ये फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है। प्रदेश सरकार को पश्चिम बंगाल की तर्ज पर जनवरी 2004 से नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के दायरे में लाने की जरूरत है।
सुशांत ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय हालत खराब रहने तक सभी विधायकों की पेंशन बंद करनी चाहिए। सरकार को अपने खर्च पर लगाम लगानी चाहिए। जिंदगी भर सरकारी सेवा में काम करने वाले को पेंशन नहीं मिल रही है, बल्कि विधायकों को वेतन-भत्ते देने के लिए सरकार को समस्या नहीं है। मंत्री-विधायक कर्मचारियों के मुकाबले 75 गुना ज्यादा वेतन-भत्ते और पेंशन ले रहे हैं। सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से भागने को आर्थिक तंगी का बहाना बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेंशन बहाली की बात नहीं मानी तो प्रदेशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा। सांसद होते हुए ही भी उन्होंने अन्ना हजारे आंदोलन का समर्थन किया था। प्रदेश में आम आदमी पार्टी के गठन में उनका भी महत्वपूर्ण योगदान है।