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रिपन में एमबीबीएस प्रशिक्षु संभाल रहे ईएनटी ओपीडी

जागरण संवाददाता शिमला राजधानी शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल रिपन में ईएनटी ओपीडी एमबीबीएस प्र

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 09:53 PM (IST)
रिपन में एमबीबीएस प्रशिक्षु संभाल रहे ईएनटी ओपीडी
रिपन में एमबीबीएस प्रशिक्षु संभाल रहे ईएनटी ओपीडी

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल रिपन में ईएनटी ओपीडी एमबीबीएस प्रशिक्षु डाक्टरों के सहारे चल रही है। अस्पताल में कई महीनों से डाक्टरों की कमी चल रही है। इस कारण रिपन की ईएनटी ओपीडी में विशेषज्ञ डाक्टरों की जगह इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में पढ़ रहे एमबीबीएस प्रशिक्षु डाक्टर सेवाएं दे रहे हैं। वहीं अस्पताल की स्किन ओपीडी में भी डाक्टर न होने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।

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रिपन में पिछले माह 22 जनवरी से ओपीडी सेवाएं शुरू की गई थीं, इसके बाद यहां लगातार लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है, लेकिन डाक्टरों की कमी के कारण स्किन और ईएनटी ओपीडी में आए मरीजों को मायूस लौटना पड़ रहा है।

रिपन के एमएस डा. रमेश चौहान का कहना है कि अस्पताल में डाक्टरों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार को पत्र भेजा गया है। फिलहाल गायनी और एनेस्थीसिया विभाग में एक-एक डाक्टर की तैनाती हुई है। इससे महिला मरीजों को खासी राहत मिली है। गायनी विभाग में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर की तैनाती से मरीजों को कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। साथ ही मरीजों का समय भी बचेगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में गायनी, एनेस्थीसिया, ईएनटी और स्किन विभाग में डाक्टरों की कमी चल रही है। गायनी और एनेस्थीसिया में भी डाक्टरों के दो और पद खाली पड़े हैं। रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार से मांग की गई है। अस्पताल में अब सभी सेवाएं पूरी तरह से सुचारू की जा रही हैं। अस्पताल में बढ़ी ओपीडी

रिपन अस्पताल में 12 दिन से ओपीडी सुविधाएं शुरू हुई हैं। शुरुआती दिनों में जहां 300 से 400 मरीजों की ओपीडी रह रही थी वहीं अब 700 से 800 हो गई है। आइजीएमसी में भीड़ होने की वजह से जिलाभर के अलावा सोलन, सिरमौर और किन्नौर से भी जांच के लिए यहां पहुंचते हैं। मरीजों को सुविधा देने के साथ रिपन प्रशासन की ओर से अस्पताल को सैनिटाइज भी किया जा रहा है।


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