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बिजली कानून में संशोधन के खिलाफ आंदोलन आठ को

बिजली अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर बिजली कानून 2003 में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्पलाईज यूनियन आंदोनल करेगी

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 07:01 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 07:01 PM (IST)
बिजली कानून में संशोधन के खिलाफ आंदोलन आठ को
बिजली कानून में संशोधन के खिलाफ आंदोलन आठ को

राज्य ब्यूरो, शिमला : बिजली अभियंताओं एवं कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर बिजली कानून 2003 में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ आठ जनवरी को राज्यस्तरीय आंदोलन करेगा। बिजली कानून 2003 में जो संशोधन 2014 से संसद में लंबित थे उन्हें केंद्र सरकार अध्यादेश के माध्यम से लागू करने की तैयारी में है। इसके खिलाफ अधिकतर राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार को असहमति भेजी है।

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नए संशोधन से बिजली बोर्ड को विघटित कर सभी कार्यो को अलग करने के साथ वितरण का काम छोटी कंपनियों में बांटा जाएगा। बिजली मापने के लिए जगह-जगह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व फीडरों के अलग करने से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देख दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की लागत अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी ज्यादा है, जिसे अभी विद्युत दरें तय करते समय क्रॉस सब्सिडी से कम किया जा रहा है। यह कानून पारित होने से दूरदराज क्षेत्रों में बिजली दरों में कई गुणा बढ़ोतरी होगी। औद्योगिक व अन्य राजस्व वाले क्षेत्र निजी हाथों में चले जाएंगे, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

संशोधन कानून में प्रस्तावित प्रावधान

- बिजली वितरण कंपनियों के बिजली पहुंचाने व बेचने के कार्यो को अलग कर इसकी दो या इससे अधिक कंपनियां बनाना जरूरी।

- बिजली वितरण के मुनाफे वाले क्षेत्रों को निजी हाथों में देने की छूट।

- कानून बनने के बाद तीन वर्ष के अंदर प्रदेश में विद्युत दरों के निर्धारण में क्रॉस सब्सिडी खत्म करना।

- बिजली नियामक आयोग की भर्ती प्रक्रिया में चयन कमेटी को वर्तमान तीन से छह सदस्यीय बनाना, जिसमें चार सदस्य केंद्र सरकार से होंगे।

- घरेलू बिजली खपत पर मिलने बाली सब्सिडी को गैस सिलेंडर की तरह उपभोक्ताओं के खाते में भेजना। ---------

बिजली संशोधन कानून के विरोध में आठ जनवरी को प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा। राजस्व वाले क्षेत्रों के निजी हाथों में जाने से कर्मचारियों की सेवा शर्ते प्रभावित होंगी। बोर्ड के करीब 26 हजार सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन अदायगी पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाएगा। यह आंदोलन मंडल, वृत, विग व मुख्यालय स्तर पर होंगे।

-कुलदीप सिंह खरवाड़ा, प्रदेशाध्यक्ष, राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ।


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