बेहतर होगी शिक्षा, निपुण बनेंगे विद्यार्थी
शिमला .-शिक्षा पर 7,044 करोड़ रुपये खर्च होंगे वित्त वर्ष 2018-19 में । -110 करोड़ रुपये अनुदान
शिक्षा
-7,044 करोड़ रुपये खर्च होंगे वित्त वर्ष 2018-19 में शिक्षा पर।
-110 करोड़ रुपये अनुदान प्रदेश विवि शिमला को दिया जाएगा।
-पहली, तीसरी, छठी व नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को एक स्कूल बैग मिलेगा।
-स्मार्ट क्लास रूम में आधुनिक उपकरण लगेंगे।
-सरकारी स्कूलों में 36 भाषा प्रयोगशालाएं खुलेंगी।
-स्कूलों में महीने में एक दिन बैग फ्री डे घोषित होगा। इस दिन स्कूलों में सहपाठ्यक्रम गतिविधियां होंगी।
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राज्य ब्यूरो, शिमला : सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने से लेकर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने का बजट में प्रावधान है। अब सरकारी स्कूलों में पहली, तीसरी, छठी व नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को एक स्कूल बैग दिया जाएगा। इस योजना से प्रदेश के लाखों विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। अभी तक सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को वर्ष में दो वर्दी नि:शुल्क दी जा रही हैं।
प्रदेश के 2137 सरकारी उच्च माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए हैं। बजट में इन स्मार्ट क्लास रूम में पढ़ाने के लिए मल्टीमीडिया टीचिंग एड यानी आधुनिक उपकरण मुहैया करवाने की घोषणा की गई है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला को 110 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यह देश के किसी भी राज्य विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले प्रति छात्र अनुदान में सबसे अधिक है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाने व बोलचाल के कौशल को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 36 भाषा प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। प्रारंभिक कक्षाओं के विद्यार्थियों का मूल्याकन केंद्र सरकार द्वारा नियत परिमाणों के आधार पर ही होगा। शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए एससीईआरटी व डाईट को अधिक प्रासंगिक बनाया जाएगा।
योग पाठ्यक्रम शुरू होगा
सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के साथ स्वस्थ रखने के लिए वर्ष 2018-19 में स्कूलों में योग पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने एससीईआरटी को पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा सौंप दिया है। शिक्षा विभाग स्कूलों में ज्वॉय ऑफ लर्निग सेशन शुरू करेगी। इन सेशन के माध्यम से विद्यार्थियों का शिक्षण ज्ञान बढ़ाया जाएगा।
एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल जल्द खोलने के लिए उठाएंगे मामला
केंद्र सरकार ने वर्ष 2018-19 के बजट में 50 फीसद से अधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले खंडों में एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल खोलने की घोषणा की है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार इन स्कूलों को प्रदेश में शीघ्र खोलने के लिए केंद्र से मामला उठाएगी।
मुख्यमंत्री आदर्श विद्या केंद्र योजना
स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री आदर्श विद्या केंद्र योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत जिन विधानसभा क्षेत्रों में एकलव्य स्कूल विद्यालय या नवोदय स्कूल नहीं हैं, वहां पर एक आदर्श छात्रावास स्कूल खोला जाएगा। इन स्कूलों में सभी सुविधाओं के साथ नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों में छात्रावास की भी सुविधा होगी। पहले चरण में 25 करोड़ की लागत से ऐसे 10 आदर्श विद्यालय खोले जाएंगे।
पुस्तक दान दिवस मनाएंगे
विद्यार्थी नई किताबें खरीदने के लिए बहुत पैसा खर्च करते हैं। विद्यार्थी एक कक्षा में पास होने पर उस कक्षा की किताबें कबाड़ में बेचकर अगली कक्षा के लिए नई किताबें खरीदते हैं। बजट में हिमाचल के सभी स्कूलों में परीक्षा की समाप्ति से अगले दिन को पुस्तक दान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इस दिन बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थी अपनी किताबें अपने से छोटी कक्षा के विद्यार्थी को देंगे ताकि उनका पुस्तकें खरीदने का पैसा बच सके।
अटल टिंक¨रग लैब से विज्ञान में निपुण होंगे विद्यार्थी
सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की जिज्ञासा व रचनात्मकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के अटल इनोवेशन मिशन के तहत प्रदेश के चुने हुए विद्यालयों में अटल टिंक¨रग लैब खोली जाएंगी। इन लैब में विद्यार्थी विज्ञान से संबंधित उपकरण और औजारों के माध्यम से विज्ञान, तकनीकी, इंजीनिय¨रग तथा गणित को समझेंगे।
अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती
प्रदेश सरकार स्कूलों में 'अखंड शिक्षा ज्योति-मेरे स्कूल से निकले मोती' योजना शुरू करेगी। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के उन विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने जीवन में कोई मुकाम हासिल किया हो। योजना में स्थानीय लोगों व ग्राम पंचायत को भी शामिल किया जाएगा।
पांच करोड़ से शुरू होगी मेधा प्रोत्साहन योजना
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर कोचिंग लेने के लिए प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में जाने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए मेधा प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। योजना के तहत जमा दो कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को जेईई मेन्स, नीट व उच्चस्तरीय शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश और कॉलेजों से पासआउट विद्यार्थियों को रोजगार आधारित प्रतियोगिता परीक्षा या सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोचिंग लेने में सहायता दी जाएगी।
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तकनीकी शिक्षा
उद्योगों की जरूरत के अनुसार
बनेगा आइटीआइ का पाठ्यक्रम
-229 करोड़ रुपये तकनीकी शिक्षा पर खर्च होंगे
-25 करोड़ से शुरू होगा रैहन में नए बहुतकनीकी संस्थान का कार्य।
राज्य ब्यूरो, शिमला : सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए 229 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। हिमाचल प्रदेश में स्थापित उद्योगों के लिए प्रशिक्षित कामगारों व बेरोजगार युवाओं को रोजगार उन्मुख बनाने को लेकर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा।
हिमाचल में सरकारी आइटीआइ में 25,449 व निजी आइटीआइ में 22,335 विद्यार्थियों के प्रवेश की क्षमता हैं। प्रदेश में प्रति एक लाख जनसंख्या पर आइटीआइ की 696 सीटें हैं जो राष्ट्रीय औसत 212 सीटों से बहुत अधिक है। उद्योगों के कौशल आवश्यकता के लिए इस क्षेत्र का निजी क्षेत्र के साथ समन्वय आवश्यक है। युवाओं में कौशल की कमी दूर करने के लिए तकनीकी पाठ्यक्रमों को परिवर्तित किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को श्रम बाजार की आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण मिल सके। कुछ महीने में रैहन में नए बहुतकनीकी संस्थान का कार्य 25 करोड़ की लागत से शुरू किया जाएगा।
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शिक्षकों के लिए तबादला नीति बनेगी
बजट में शिक्षकों के तबादला व पद्भार संभालने के लिए तबादला नीति बनाने की घोषणा की गई। तबादला नीति पर काम शुरू हो चुका है। इस नीति का पहला ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। तबादला नीति के जरिये शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। सरकारी स्कूलों में करीब 80 हजार शिक्षक है। तबादला नीति को लेकर सरकार ने सभी शिक्षक संघों से सुझाव भी मांगे। तबादला नीति में प्रावधान है कि एक शिक्षक पांच साल के बाद दूसरे जोन में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इस प्रकार से शिक्षक घर के पास के स्कूलों में म्यूचुअल ट्रांसफर नहीं करवा सकेंगे।