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हिमाचल का हर 12वां व्यक्ति है मधुमेह का शिकार

हिमाचल में हर 12वें व्यक्ति को शुगर है। हालत यह है कि प्रदेश में लोग अपना इलाज नहीं करवाते हैं।

By Edited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 08:14 AM (IST)
हिमाचल का हर 12वां व्यक्ति है मधुमेह का शिकार
हिमाचल का हर 12वां व्यक्ति है मधुमेह का शिकार

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। देश की अपेक्षा हिमाचल प्रदेश में मधुमेह रोगी ज्यादा हैं। देश में मधुमेह रोगियों का आंकड़ा पांच से छह फीसद है। हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 वर्ष से अधिक आयु के 10 लाख लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। इनमें से करीब 85 हजार लोगों में मधुमेह पाया गया। ऐसे में प्रदेश में हर 12वां व्यक्ति मधुमेह का शिकार है। सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य उपकेंद्रों में मधुमेह रोगियों की मुफ्त जांच व उपचार की सुविधा है। लेकिन हिमाचल में अधिकतर लोग स्वास्थ्य की जांच ही नहीं करवाते हैं।

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यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय कैंसर, मधुमेह, कॉर्डिक वस्कुलर व स्ट्रोक नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) के दौरान हुआ है। कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर डाटा तैयार किया जा रहा है। एक वर्ष के दौरान 10 लाख लोगों के स्वास्थ्य को जांचा गया है। 50 हजार लोग खतरे के निशान पर जिन 85 हजार लोगों में मधुमेह पाया गया है, उनमें 50 हजार से अधिक लोग खतरे के निशान पर हैं। मीठा ज्यादा खाते ही ऐसे लोगों की शुगर बढ़ जाती है। 12 फीसद हो सकते हैं मधुमेह रोगी हिमाचल में 30 वर्ष से अधिक आयु के करीब 26 लाख लोग हैं। इनमें से 10 लाख लोगों का मधुमेह का टेस्ट किया गया है। यदि सभी लोगों की जांच की जाए तो प्रदेश में मधुमेह रोगियों का आंकड़ा 12 फीसद तक हो सकता है।

क्या है मधुमेह

मधुमेह यानी शुगर के कारण मनुष्य के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम होता है। यह बीमारी आजीवन रहती है। इसमें इंसुलिन के बिलकुल खत्म होने के आसार हो जाते हैं। शरीर की श्वेत कोशिकाएं अग्नाशय की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। इस कारण इंसुलिन नहीं बनती है। रोगियों को इंजेक्शन के माध्यम से रक्त में इंसुलिन को तर करना होता है।

मधुमेह के कारण

-दिनचर्या में बदलाव।

-शारीरिक श्रम में कमी।

-फास्ट फूड का ज्यादा इस्तेमाल।

लक्षण

-बार-बार पेशाब आना।

-अधिक प्यास लगना।

-चोट या जख्म देर से भरना।

-बार-बार फोड़े निकलना व खुजली होना।

-चक्कर आना, चिड़चिड़ापन होना। दिखाना।

-आंखों की रोशनी कम होना।

उपाय

-नियमित व्यायाम, योग व सुबह की सैर।

-फास्ट फूड के स्थान पर हेल्दी डाइट। जिसमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट व विटामिन हों।

-टमाटर, संतरा व जामुन का नाश्ता करें। इनकी 300 ग्राम मात्रा पर्याप्त है।

-तीन महीने तक करेले की सब्जी घी में बनाकर खाएं।

-रात को मेथी के दाने पानी में भिगोएं। सुबह उठकर ब्रश करने के बाद वह पानी पीकर मेथी के दाने धीरे-धीरे चबा चबाएं।

हिमाचल में एनपीसीडीसीएस के तहत जिन लोगों में शुगर पाई गई है, उन्हें पता नहीं था कि वे इस रोग का शिकार हैं।

-गोपाल शर्मा, नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग


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