कोरोना के डर के बीच बुराई को लगाई आग
जागरण संवाददाता शिमला बुराई पर एक बार फिर अच्छाई और सच्चाई की जीत हुई। भगवान श्रीराम के ह
जागरण संवाददाता, शिमला : बुराई पर एक बार फिर अच्छाई और सच्चाई की जीत हुई। भगवान श्रीराम के हाथों रावण दहन हुआ। हालाकि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस बार दशहरा पर्व धूमधाम से नहीं मनाया गया, लेकिन रस्म अदायगी और परंपरा बनाए रखने के लिए शिमला में इस बार भी रावण दहन हुआ।
शिमला के जाखू मंदिर परिसर में 108 फीट ऊंची हनुमान की मूर्ति के आगे दशहरा पर्व पर मशाल के साथ रावण का दहन किया गया। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पुतलों में आग लगाई। इससे पहले मंदिर में इस दिन हनुमानजी की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। हर वर्ष दशहरे के अवसर पर 40 से 45 फीट के पुतले बनाए जाते थे वहीं इस बार लगभग 12 से 14 फुट के पुतलों का निर्माण किया गया था।
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असत्य पर सत्य की जीत : भारद्वाज
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि बीते वर्षो के मुकाबले इस वर्ष कोरोना महामारी के मद्देनजर सादगी भरा दशहरे का आयोजन किया गया। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। यह पर्व हमें धर्म और सत्य के मार्ग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने प्रदेशवासियों को विजयदशमी दिवस की शुभकामनाएं दी। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने शहरी विकास मंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शिमला मोहित चावला, एसडीएम शहरी मनजीत शर्मा, डीएसपी कमल किशोर, एसएचओ प्रवीण ठाकुर, मंदिर न्यासी दीपक शर्मा एवं अन्य अधिकारी व मंदिर न्यासी उपस्थित थे।
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घरों में बच्चों ने पुतले बनाकर किया दशानन का अंत
इस बार कोरोना महामारी के चलते बच्चों को बड़े आयोजनों में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिल पाया। इसलिए शहर के अधिकाश जगहों पर बच्चों ने थर्माकोल, लकड़ी और बेकार कपड़ों से रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया। बच्चों ने घरों में रहकर दशहरा उत्सव का आनंद लिया।