ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते रहें सतर्क, जागरूकता ही बचाव
ऑनलाइन लेनदेन के बढने के साथ-साथ ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी इजाफा हो रहा है।
ऑनलाइन लेनदेन के बढ़ने के साथ ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी इजाफा हुआ है। ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस लोगों को ठगी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाती है लेकिन ठग फिर से ठगी का कोई नया तरीका तैयार कर लेते हैं। इसलिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यह कहना है डीएसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर का। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से ऑनलाइन ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। लोग जाने-अंजाने में इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसे में लोगों का जागरूक रहना जरूरी है। दैनिक जागरण ने डीएसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश।
जागरण संवाददाता, शिमला। ऑनलाइन ठगी का प्रचलन बढ़ गया है। इससे कैसे बचा जा सकता है?
डेबिट, क्रेडिट और एटीएम कार्ड का पासवर्ड किसी से शेयर नहीं करना चाहिए और न ही किसी और को देना चाहिए। खरीदारी करते वक्त कार्ड अपने सामने स्वाइप करें, पिन खुद ही डालें, लिमिट्स को कम रखें, एसएमएस अलर्ट को चालू रखें। स्टेटमेंट को हर तीन दिन में चेक करें। नेट पर कार्ड के जरिए पेमेंट केवल वेबसाइट पर करें, साइबर कैफे में कार्ड का इस्तेमाल न करें। मोबाइल वॉलेट को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
अपने मोबाइल वॉलेट का चयन सावधानी से करें। नियम और शर्ते जरूर पढ़ें, इंटरनेट पर वॉलेट के कस्टमर रिव्यू पढ़ें। मोबाइल एप को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें, जैसे कि प्ले स्टोर। अपनी जानकारी शेयर न करें। हर तीन दिन में ट्रांजेक्शन चेक करें, मोबाइल वॉलेट कंपनी को लिखित में शिकायत दें। ज्यादातर फ्रॉड सोशल मीडिया के माध्यम से देखने को मिल रहे हैं, इससे कैसे बचें?
फेसबुक आइडी को हैक कर मैसेंजर के जरिए आपके रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे मांगने का नया तरीका शातिरों ने ईजात किया है। तीन महीनों में इसकी सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं। फेसबुक के अलावा फोटो व प्रोफाइल बदल कर भी ठगी की जा रही है। इसके लिए अपने पासवर्ड को मजबूत रखें। मोबाइल नंबर को पासवर्ड न रखें। नेट बैंकिग के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
यूजरनेम पासवर्ड को याद कर लें। एचटीटीपीएस वेबसाइट का ही प्रयोग करें, साइबर कैफे में नेट बैंकिग से बचें, ट्रांजेक्शन लिमिट कम रखें, एसएमएस अलर्ट ऑन रखें। गड़बड़ी पर बैंक को लिखित में शिकायत दें। नजदीकी थाने या फिर स्टेट पुलिस की वेबसाइट पर भी कंप्लेंट दें। सावधानी बरतकर ही ऑनलाइन ठगी से बचा जा सकता है।