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नहीं हारी हिम्मत, समय पर पहुंचाया सामान

लॉकडाउन से अब तक स्वास्थ्य विभाग का स्टेट कोविड स्टोर व स्वास्थ्य निदेश

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 04:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 04:00 AM (IST)
नहीं हारी हिम्मत, समय पर पहुंचाया सामान
नहीं हारी हिम्मत, समय पर पहुंचाया सामान

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

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लॉकडाउन से अब तक स्वास्थ्य विभाग का स्टेट कोविड स्टोर व स्वास्थ्य निदेशालय का प्रोक्योरमेंट सेल एक भी दिन बंद नहीं हुआ। लॉकडाउन व क‌र्फ्यू में सभी सड़कें व कार्यालय सूने रहे और शर्तों के साथ कर्मचारी आते रहे। प्रोक्योरमेंट सेल के प्रभारी का जिम्मा संभालने वाले डा. रमेश ने हिम्मत नहीं हारी और समय पर जरूरत का सामान पहुंचाया। वह अब तक तीन लाख पीपीई किट प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों व स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचा चुके हैं। इसके अलावा पांच लाख एन-95 मास्क, 12 लाख सर्जिकल मास्क वितरित कर चुके हैं और हजारों लीटर सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया है।

मार्च में जनता क‌र्फ्यू के बाद स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक डा. रमेश चंद को प्रोक्योरमेंट स्टोर की जिम्मेदारी दी गई। उन्हें कोविड मरीजों के स्वास्थ्य व लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए व्यवस्था की जिम्मेदारी भी दी गई। इसके लिए लॉकडाउन व क‌र्फ्यू में मास्क, पीपीई किट, सैनिटाइजर व दवाओं का प्रबंध करना था ताकि महामारी को मात दी जा सके। गाड़ियों की आवाजाही व कारखाने बंद थे। लोग डरे हुए थे और मास्क, सैनिटाइजर व पीपीई किट मांग रहे थे। डा. रमेश ने केंद्र सरकार से मिले 500 वेंटीलेटर आने के बाद इन्हें वितरित करने के साथ स्थापित भी करवाया।

दो 108 एंबुलेंस में दिल्ली से ढोया सामान

जब सब कुछ बंद था तो गाड़ियों को चलने नहीं दिया जा रहा था, जबकि अस्पतालों व अन्य विभागों से मास्क व सैनिटाइजर की मांग लगातार आ रही थी। दो 108 एंबुलेंस के साथ प्रयोग शुरू किया, जो काम कर गया। इसका यह फायदा हुआ कि आज तक इनकी कोई कमी नहीं हुई। दिल्ली से सामान आने लगा तो दवाएं व अन्य सामान को रखने के लिए भवन किराये पर लिया। सामान को चढ़ाने व उतारने के लिए कोई नहीं मिलता था। डा. रमेश व उनके साथ काम करने वाले चार कर्मचारियों ने ने सामान उतारा।

अब 10 हजार तक टेस्ट करवाने के लिए किट का प्रबंध

कोरोना जांच के लिए अक्टूबर तक केंद्र सरकार से किट मिलीं और इन्हें मेडिकल कॉलेजों व अन्य अस्पतालों को उपलब्ध करवाया गया। अब निविदाओं के आधार पर किट खरीदी जा रही हैं। इन्हें 10 हजार तक टेस्ट करवाने के लिए मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों को उपलब्ध करवाया जा रहा है।

घर से खाना मंगवाकर चालकों को खिलाया

डा. रमेश बताते हैं कि लॉकडाउन व क‌र्फ्यू के दौरान ढाबे व होटल बंद थे। ऐसे में सामान ढोने वाले एंबुलेंस चालकों को घर से खाना मंगवाकर खिलाया। उद्योगों व अन्यों के साथ संपर्क बनाकर सीसीआर एक्टीविटी के तहत कोविड से संबंधित दवाएं व उपकरण दान में मिले। केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाकर किसी चीज की कमी नहीं आने दी।


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