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हिमाचल में मिला डायनासोर काल का जीवाश्म, विश्वभर के विशेषज्ञ करेंगे जांच

खड़ापत्थर में करोड़ों साल पुराने अवशेष मिलने से इस बात की उत्सुकता बढ़ गई है कि क्या किसी दौर में यहां भी बड़े जीव-जंतु रहा करते थे इसकी जांच के लिए जीवाश्म विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे...

By BabitaEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 11:25 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 11:25 AM (IST)
हिमाचल में मिला डायनासोर काल का जीवाश्म, विश्वभर के विशेषज्ञ करेंगे जांच
हिमाचल में मिला डायनासोर काल का जीवाश्म, विश्वभर के विशेषज्ञ करेंगे जांच

शिमला, यशपाल शर्मा। हिमाचल प्रदेश में शिमला स्थित जुब्बल के सेब बहुल क्षेत्र खड़ापत्थर में जीवाश्म मिला है। कहा जा रहा है कि यह डायनासोर काल का भी हो सकता है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि यह करोड़ों साल पुराना हो सकता है। वन विभाग की टीम ने इसे निरीक्षण के दौरान देखा। अब इसकी उम्र के संबंध में जानने के लिए जीवाश्म विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। यूरोप के बाद यह पहला ऐसा इलाका होगा जहां विश्वभर के विशेषज्ञ आएंगे। राज्य संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. हरि चौहान ने इसकी पुष्टि की है। वह दस मई तक इसके सैंपल लेने खड़ापत्थर जाएंगे। बुधवार शाम को वह मौके पर गए थे, लेकिन बारिश के कारण सैंपल नहीं लिए जा सके।

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उन्होंने माना कि यह जियोलॉजिकल फॉरमेशन तो है ही, जीवाश्म भी हो सकता है। अगर जियोलॉजिकल फॉर्मेशन हुआ तो भी बड़ी बात है। 30 अप्रैल को वन विभाग की टीम डीएफओ सीबी तहसीलदार, रेंजर देसराज महाजन, वनरक्षक विकास ठाकुर, रणवीर के साथ खड़ापत्थर क्षेत्र में निरीक्षण कर रही थी। इस दौरान बजरी वाली जगह पर उन्हें खड़ापत्थर-शिलाघाट रास्ते के साथ वनस्पति जीवाश्म दिखाई दिया। जीवाश्म की तस्वीर डॉ. हरि चौहान को दिखाई गई।

देहरादून से आएंगे विशेषज्ञ

जीवाश्म की जांच करने के लिए वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून से विशेषज्ञ आएंगे। इसके लिए लखनऊ से भी जीवाश्म वैज्ञानिक बुलाएं जाएंगे। जरूरत पड़ी तो विदेश से भी विशेषज्ञों को हिमाचल बुलाया जाएगा। क्यूरेटर हरी चौहान ने इसकी पुष्टि की है।

क्या है जीवाश्म

पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतह या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाए जाते हैं, उन्हें जीवाश्म कहते हैं। विभिन्न प्रकार के जीवाश्मों के निरीक्षण से पता चलता है कि पृथ्वी पर अलग-अलग काल में भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव हुए हैं।  

निरीक्षण के दौरान दुर्लभ जीवाश्म मिला है। क्षेत्र से बजरी निकाली जा रही थी। इसे देखकर ऐसा लगता है कि यहां डायनासोर भी रहा होगा। भू-गर्भ वैज्ञानिक, जीवाश्म वैज्ञानिक ही इसके बारे में बता पाएंगे कि यह कितना पुराना है।

-सीबी तहसीलदार, डीएफओ रोहड़ू

यूरोप के बाद हिमाचल पहला ऐसा राज्य होगा, जहां जीवाश्म के अवशेष मिले हैं। इसकी हर पहलू से जांच की जाएगी। मैं खुद सैंपल एकत्र करूंगा। हिमाचल प्रदेश के लिए निश्चित रूप से यह बड़ी घटना है। यह जीवाश्म डायनासोर युग का हो सकता है।

-हरी चौहान, क्यूरेटर राज्य संग्रहालय, हिमाचल प्रदेश

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