शिमला से कैथलीघाट ट्रैक पर दौड़ा स्टीम इंजन
शिमला-कालका रेल ट्रैक पर शुक्रवार को एक बार फिर 109 साल पुर
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला-कालका रेल ट्रैक पर शुक्रवार को एक बार फिर 109 साल पुराने भाप इंजन की छुक-छुक की आवाज सुनाई दी। स्टेशन अधीक्षक प्रिस सेठी ने बताया कि इस ऐतिहासिक स्टीम इंजन को रेलवे बुकिग पर ही चलाता है, लेकिन मरम्मत के लिए ट्रैक पर स्टीम इंजन को दौड़ाया जाता है। सोमवार को स्टीम इंजन को ट्रायल बेस पर दौड़ाया गया।
स्टीम इंजन करीब 11 बजे स्टेशन से कैथलीघाट की ओर रवाना हुआ। शिमला के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन से कैथलीघाट के लिए इंजन चलाने के लिए पहले से रेलवे तैयारी रखता है। अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहे शिमला में इस इंजन के चलने से पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं। इस स्टीम इंजन से ट्रेन को चलता देखने के लिए आज भी शिमला के लोग और पर्यटक जुटते हैं। उत्तर रेलवे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी भाप इंजन को समय-समय पर चलाता रहा है। साल में दो से तीन बार ट्रायल होता है।