कानूून व्यवस्था पर हंगामा, दूसरे दिन भी नहीं चली विधानसभा
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही बुधवार को हंगामे के कारण पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
जेएनएन, शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही बुधवार को हंगामे के कारण पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
सरकार ने नियम 130 के तहत बाढ़ व बारिश से हुए नुकसान पर चर्चा प्रस्तावित की थी। लेकिन विपक्ष ने नियम 67 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा करने की मांग रखी। विपक्ष की ओर से विधायक सुरेश भारद्वाज और महेंद्र सिंह ने बिगड़ी कानून व्यवस्था पर चिंता जताई पर पहले इस मामले में चर्चा की मांग रखी।
महेंद्र सिंह ने एक दिन पहले ही मंडी के धर्मपुर में लड़की को अगवा कर दुष्कर्म के मामला सदन के समक्ष रखा। इस पर सवास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने टिप्पणी कर दी, जिस पर विपक्ष बिफर उठा व विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
पहले सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी व दोबारा पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले पूर्व विधायक दिवंगत बलवंत सिंह नेगी का शोकाद्गार हुआ। विधायक गुलाब सिंह व जगत सिंह नेगी नेे उनके योगदान को याद किया।
आशा कुमारी को निलंबित करने की मांग :
सुबह हंगामा होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल बाहर चले गए, इस दौरान सत्ता पक्ष की वरिष्ठ विधायक आशा कुमारी ने चेयर पर आकर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। विपक्ष ने इसे सरकार का दोहरा मापदंड बताया व आशा कुमारी को निलंबित करने की मांग उठाई।
बोले मुख्यमंत्री :
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए तैयार था, लेकिन विपक्ष राजनीति कर रहा है। अपनी बात मनवाने के लिए गुंडागर्दी और बदतमीजी का सहारा लिया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। विपक्ष मर्यादा भूल चुका है व उसका रवैया सही नहीं है। उन्होंने विपक्ष के नारों पर भी आपत्ति जताई।