Move to Jagran APP

पांच सितारा होटलों में बढ़ी इस खास मछली की मांग, उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का जोर

Trout fish हिमाचल सरकार ने ट्राउट मछली की मांग को देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान मछलियों के उत्‍पादन के लिए 940 ट्राउट इकाइयां विकसित करने की नीति तैयार की है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 08:37 AM (IST)
पांच सितारा होटलों में बढ़ी इस खास मछली की मांग, उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का जोर
पांच सितारा होटलों में बढ़ी इस खास मछली की मांग, उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का जोर

 शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ठंडे पानी में 800 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। वहीं उससे अगले वर्ष के लिए 950 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मत्स्य विभाग ने ट्राउट मछली की बिक्री के लिए 940 ट्राउट इकाइयां विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी विपणन नीति तैयार की है। विभाग फिश वैन के माध्यम से ट्राउट मछली के विपणन के लिए इस वित्त वर्ष के दौरान ट्राउट क्लस्टर स्थापित करने की योजना है ।

loksabha election banner

हिमाचल में ट्राउट मछली के उत्पादन में से 50 फीसद की बिक्री मुंबई, दिल्लीऔर चेन्नई जैसे महानगरों के पांच सितारा होटलों में की जा रही है। राज्य में ट्राउट मछली पकड़ने पर फरवरी तक रोक है। यह पाबंदी इनके प्रजनन काल के मद्देनजर लगाई है। प्रदेश की बारहमासी नदियां ट्राउट मछली उत्पादन और मछुआरों को आमदनी में वृद्धि के लिए अवसर प्रदान करती हैं। इस वित्त वर्ष के दौरान ट्राउट मछली उत्पादन रिकार्ड 685 मीट्रिक टन होने की संभावना है। सरकार जल्द ही नीली क्रांति के तहत शिमला, चंबा और कांगड़ा में ट्राउट मछली के आउटलेट खोलेगी। 

हिमाचल की बर्फीली नदियां हैं अनुकूल

ब्यास, सतलुज और रावी जैसी बर्फीली नदियां मछली पालन के लिए सबसे अनुकूल हैं। प्रदेश के सात ट्राउट मछली उत्पादन जिलों कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में 2018-19 के दौरान 2558 लाख रुपये का कुल 568.443 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन हुआ।

परिवारों की आर्थिकी सुधारने पर जोर

प्रदेश में सरकार ने ट्राउट मछली उत्पादन के कार्य से जुड़े करीब 500 परिवारों को पारिश्रमिक मूल्य सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाकर महानगरीय शहरों में विपणन पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। मत्स्य विभाग सेंट्रल मेराइन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइसीएआर) कोच्चि के सहयोग से बिक्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित कर रहा है। मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कुल्लू के पतलीकूहल, हामनी, चंबा के होली, ठैला और भांदल, मंडी के बरोट, किन्नौर के सांगला और शिमला के धमवाड़ी में ट्राउट फार्म स्थापित किए हैं। ट्राउट फार्मिंग के सात जिलों में निजी क्षेत्र में 29 ट्राउट हैचरी स्थापित करने का निर्णय लिया है।  

हिमाचल सरकार ट्राउट मछली उत्पादन से जुड़े किसानों को गुणवत्ता वाले बीज और फीड प्रदान करने के लिए मछली बीज प्रमाणीकरण और मान्यता एजेंसी स्थापित करने की योजना बना रही है। ट्राउट मूल्य शृंखला में प्रौद्योगिकी और उत्पादन प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने के लिए, कुल्लू के ट्राउट फार्म पतलीकूहल में स्मोक्ड ट्राउट कैनिंग सेंटर भी तैयार किया जा रहा है।

-वीरेंद्र कंवर, मत्स्य पालन मंत्री।

 हिमाचल की अन्य खबरें पढऩे के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.