हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य को मिली सशर्त जमानत
पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष अदालत ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि विक्रमादित्य बिना मंजूरी के विदेश नहीं जा सकेंगे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मनी लांड्रिंग मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को जमानत मिल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष अदालत ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि विक्रमादित्य बिना मंजूरी के विदेश नहीं जा सकेंगे। वह केस से जुड़े सुबूतों से न तो छेड़छाड़ करेंगे और न ही गवाहों पर दबाव डालेंगे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से अधिवक्ताओं ने जमानत का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। ईडी के आरोप-पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने विक्रमादित्य व अन्य आरोपितों को 27 अगस्त को पेश होने का आदेश पहले ही दे रखा है।
विक्रमादित्य व अन्य के खिलाफ विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार की अदालत में ईडी ने 21 जुलाई को आरोप-पत्र दाखिल किया था। मनी लांड्रिंग के केस में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह सहित छह आरोपितों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया जा चुका है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने गैरकानूनी तरीके से 10 करोड़ की संपत्ति अर्जित की, जोकि उनकी आय से अधिक थी।
मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 6 अप्रैल 2016 को हाई कोर्ट को स्थानांतरित कर दिया था और सीबीआइ को वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी को गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया था। सीबीआइ द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे का संज्ञान लेते हुए ही ईडी ने भी मनी लांड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था।