Lok Sabha Election 2019: चुनाव आयोग के निर्देश पर हटाए शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप
Lok Sabha Election 2019 हिमाचल सरकार ने चुनाव आयोग के सख्त निर्देशों के बाद शिमला के डीसी अमित कश्यप को हटा दिया है। अब राजेश्वर गोयल शिमला के नए डीसी होंगे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। ईवीएम स्ट्रांग रूम विवाद मामले में आखिरकार चुनाव आयोग ने चाबुक चला दिया है। आयोग के सख्त निर्देशों के बाद प्रदेश सरकार ने शिमला के उपायुक्त आइएएस अधिकारी अमित कश्यप को हटा दिया है। अब राजेश्वर गोयल शिमला के नए उपायुक्त होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने सोमवार को अधिसूचना जारी की है। सरकार ने इससे पहले चौपाल के एसडीएम मुकेश रेप्सवाल को बदल दिया था। तहसीलदार चौपाल को एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने अमित कश्यप के तबादले को लेकर तीन अधिकारियों का पैनल आयोग को भेजा था। उधर, आयोग के निदेशक निखिल कुमार ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि वह डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को तत्काल ट्रांसफर करें। इसकी सूचना राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भी दी गई। अब तबादले के बाद अमित कश्यप को पर्यटन विभाग के निदेशक का कार्यभार सौंपा गया है। वह नगर एवं ग्राम योजना विभाग के निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार भी देखेंगे। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निदेशक राजेश्वर गोयल को शिमला का डीसी बनाया गया है।
गत वर्ष अक्टूबर में चौपाल में ईवीएम स्ट्रांग रूम खोलने की शिकायत निर्वाचन आयोग के पास पहुंची थी। राज्य निर्वाचन विभाग ने उपायुक्त शिमला अमित कश्यप से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था। उन्होंने कार्रवाई कर निर्वाचन विभाग को सूचित भी किया लेकिन मामला नहीं थमा। चुनाव आयोग के आदेशों के बाद चौपाल के एसडीएम मुकेश रेप्सवाल को बदल दिया था। वहीं, डीसी शिमला अमित कश्यप पर कार्रवाई को लेकर जारी आदेशों पर सरकार ने आयोग से पुनर्विचार करने की गुहार लगाई थी। लेकिन, चुनाव आयोग ने डीसी शिमला को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया। केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को अमित कश्यप को तत्काल बदलने के आदेश दिए। इस पर प्रदेश सरकार ने दोपहर बाद चार बजे आदेश मिलते ही पांच मिनट के भीतर उनका तबादला आदेश जारी कर दिया।
क्या है मामला
गत वर्ष अक्टूबर में चौपाल विधानसभा क्षेत्र में बने ईवीएम स्ट्रांग रूम का निरीक्षण करने के लिए तत्कालीन एसडीएम आइएएस अधिकारी मुकेश रेपस्वाल पहुंचे थे। उन्होंने सील्ड स्ट्रांग रूम को खोल दिया था। स्ट्रांग रूम में निरीक्षण करते हुए का एक वीडियो कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जब इस मामले की जांच डीसी ने की तो सामने आया कि बिना अनुमति के नियमों के खिलाफ स्ट्रांग खोल दिया गया था। नियमों के मुताबिक एफएलसी फर्स्ट लेवल चे¨कग होने के बाद ही इसे खोला जा सकता है, लेकिन एफएलसी नहीं हुई थी। इस मामले पर निर्वाचन आयोग ने रिपोर्ट तलब की। पांच अक्टूबर को रिपोर्ट भेज दी थी लेकिन प्रशासन ने कोई कारवाई नहीं की थी।