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क‌र्फ्यू में अनलॉक साइबर क्राइम

हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगों ने अपना जाल और फैला दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 07:05 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 06:14 AM (IST)
क‌र्फ्यू में अनलॉक साइबर क्राइम
क‌र्फ्यू में अनलॉक साइबर क्राइम

रमेश सिंगटा, शिमला

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हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगों ने अपना जाल और फैला दिया है। किसी का फेसबुक अकाउंट हैक हो रहा है, कोई वित्तीय ठगी का शिकार हुआ है। बैंकों के नाम से हेल्पलाइन नंबर फर्जी तैयार कर लोगों को ठगा जा रहा है। प्रदेश में सक्रिय ठग दूसरे राज्यों से ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं। ये महानगरों में बैठे-बैठे यहां के लोगों के साथ लाखों की धोखाधड़ी कर रहे हैं। कई ठग तो सात समंदर पार से ही तकनीक के जरिये पहाड़ पर निशाना साध चुके हैं।

इस अपराध को जांच एजेंसियां भी राज्य या देश की सीमाओं में नहीं बांध पाई हैं। शिकायतों में हर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। लॉकडाउन के दौरान दूसरे अपराधों में बेशक कमी आई है, लेकिन साइबर अपराध की चाल और तेज हो गई है। इस साल अब तक कुल 440 शिकायतें आई हैं, इनमें से करीब 250 शिकायतें लॉकडाउन की अवधि की हैं। कुल दर्ज शिकायतों में से 25 फीसद से अधिक सुलझा ली गई हैं। शेष की जांच चल रही है। अब तक ठगी के लाखों रुपये रिफंड करवाने में कामयाबी मिली है। जबकि शिकायतों के आधार पर साइबर थाने में इस वर्ष तीन एफआइआर दर्ज की गई हैं। पिछले साल कुल आठ एफआइआर दर्ज की गई थीं।

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केस स्टडी

ऑनलाइन ठगी का शिकार मंडी का एक ठेकेदार भी हुआ था। इससे 24 लाख की ठगी हुई थी। सीआइडी के साइबर विग ने बिहार के बेगुसराय के रहने वाले प्रदुमन पंडित उर्फ कर्ण पंडित और पश्चिम बंगाल के विशाल कुमार पॉल को मामले में गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से मोबाइल फोन की 34 जाली सिम बरामद की थी। आरोपितों के लैपटॉप से एक लाख खाताधारकों, एक लाख से अधिक के लिंक नंबरों का पता चला है। आरोपित तीन राज्यों में ज्यादा सक्रिय रहे हैं। इनके कब्जे से तीन लाख छह हजार रुपये बरामद हुए हैं। ये ऑनलाइन बैंकों में जालसाजी के आधार पर खाते खोलते थे। इनके एटीएम मुख्य आरोपित कर्ण ऑपरेट करता था।

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कितनी शिकायतें आई

वर्ष,कितनी शिकायतें

2016,519

2017,570

2018,981

2019,1638

2020,440

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क्या कहते हैं अधिकारी

सीआइडी साइबर सेल के एएसपी नरबीर राठौर के अनुसार लोगों को ठगों से सावधान रहने की जरूरत है। वे ओटीपी कतई शेयर न करें। बैंकों को नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें हिदायत दी गई है कि वह टोल फ्री नंबरों को इंटरनेट पर चेक करते रहें। ठगों ने बैंकों के नाम से अलग से टोल फ्री नंबर बना रखे हैं। उन्हें कहा गया है कि खाताधारकों के नाम व पते की पूरी वेरीफिकेशन करें। यदि ठगी होती है तो शिकायत 24 घंटे के भीतर करने से पैसा वापस होने की संभावना रहती है।

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साइबर पुलिस ने ये दी है सलाह

-सोशल मीडिया पर एक मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें। यह जितना लंबा होगा, यह उतना ही सुरक्षित होगा।

-अपने प्रत्येक सोशल मीडिया अकाउंट के लिए एक अलग पासवर्ड का उपयोग करें।

-मित्रों का चयन सावधानीपूर्वक करें। यदि आप उस व्यक्ति को नहीं जानते हैं, तो उनके अनुरोध को स्वीकार न करें। यह एक फर्जी खाता हो सकता है।

- किसी लिंक पर सावधानी के साथ क्लिक करें।

- जो जानकारी आप शेयर करते हैं, उसके बारे में सावधान रहें। संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी को शेयर न करें। घर का पता, वित्तीय जानकारी, फोन नंबर आदि जितना अधिक आप शेयर करते हैं तो उतना ही आपकी पहचान को चुराया जा सकता है।

-सुरक्षा के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर स्थापित करके अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखें। यह भी सुनिश्चित करें कि आपका ब्राउजर, ऑपरेटिग सिस्टम और सॉफ्टवेयर अपडेट रहे। जब आप कंप्यूटर पर कार्य पूरा कर लेते हैं तो लॉगआउट करना याद रखें।

-जांच से पाया गया है कि अधिकतर अकाउंट वही हैक हुए हैं, जिसमें पासवर्ड मोबाइल नंबर रखे गए हैं। फिर भी अगर कोई ठगी का शिकार हो जाता है तो साइबर थाने को तत्काल सूचना दें।


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