निजी स्कूलों पर निगम मेहरबान, तीन स्कूलों को दिए निशुल्क खेल मैदान
नगर निगम शिमला शहर के निजी स्कूलों पर खासा मेहरबान है।
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला शहर के निजी स्कूलों पर खासा मेहरबान है। निगम उपनगर संजौली के तीन स्कूलों को एक साल के लिए अपने मैदान निशुल्क उपलब्ध करवाएगा। नगर निगम शिमला की वित्त संविदा समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। नगर निगम को तीन स्कूलों के प्रधानाचार्य के पत्र मिले थे, जिसमें खेल मैदान मांगा गया था। इसके बाद निगम ने कुछ शर्तो के साथ निजी स्कूलों को यह मैदान निशुल्क ही दे दिए हैं। जबकि निजी स्कूलों द्वारा बाकायदा खेलकूद गतिविधियों के लिए हजारों रुपये फीस अभिभावकों से वसूली जाती है। बावजूद इसके निगम ने खेल मैदान स्कूलों को दे दिए। शहर में बच्चों को खेलने के लिए है मैदानों की कमी
शहर में खेल मैदानों की पहले ही कमी है। बच्चों को तंग गलियों और सड़क पर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में जो मैदान हैं उन मैदानों को निजी स्कूलों को दिया जा रहा है। संजौली के बच्चों से यह मैदान भी छिन गया है। हालांकि निगम प्रशासन ने शर्त लगाई है कि स्कूल मैदान में किसी को आने और खेलने से नहीं रोक सकेगा। लेकिन स्कूल समय में पूरा दिन मैदान व्यस्त रहेंगे और अन्य लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल पाएगी। निगम ने लगाई है यह शर्त
नगर निगम शिमला ने खेल मैदान देने के लिए कुछ शर्ते लगाई हैं। स्कूल प्रशासन द्वारा खेल मैदान में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जाएगा। न ही निर्माण किया जा सकेगा। मैदान में खेलने वाले बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा भी स्कूल प्रशासन का होगा। निगम की संपत्ति को किसी तरह की क्षति पहुंचाने पर स्कूल प्रशासन इसकी भरपाई करेगा। मैदान नगर निगम शिमला के अधिकार क्षेत्र में रहेगा। खेल मैदान स्कूलों के लिए अनिवार्य
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की गई हैं। इसमें स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए पेयजल, शौचालय, स्कूल मैदान संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है। हर स्कूल में अनिवार्य रूप से खेल मैदान होना चाहिए। अगर स्कूल के पास मैदान योग्य जमीन न भी हो तो स्कूल को किराये पर खेल मैदान लेने की अनुमति है। ऐसे में निगम की मेहरबानी से निजी स्कूलों ने अपनी इस अनिवार्यता को पूरा कर लिया है। शर्तो के साथ नगर निगम प्रशासन ने तीन स्कूलों को खेल मैदान देने का निर्णय लिया है। इसका अधिकार निगम के पास ही रहेगा।
आशीष कोहली, आयुक्त नगर निगम शिमला।