स्वास्थ्य संभालने वालों को संक्रमण ने किया अस्वस्थ
शहर सहित प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले अस्पतालों के कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित आने लगे हैं।
शिखा वर्मा, शिमला
शहर सहित प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले अस्पतालों के कर्मचारी खुद भी कोरोना संक्रमित होने लगे हैं। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) व रिपन अस्पताल में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। 130 से ज्यादा डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित आ चुके हैं।
आइजीएमसी अस्पताल में ही 100 तो रिपन में 30 डाक्टरों से लेकर अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इसके कारण कोरोना का खतरा और बढ़ गया है। अब तो लोग इलाज के लिए यदि अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें यही चिंता सताती है कि क्या डाक्टर व स्टाफ इलाज के लिए मिलेगा भी या नहीं। आइजीएमसी में पहले ही 150 से ज्यादा डाक्टर छुट्टी पर चल रहे हैं। कई वरिष्ठ डाक्टर संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में ओपीडी से लेकर रूटीन में वार्ड में दाखिल मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाना भी चुनौती बनता जा रहा है। आइजीएमसी के आधे से ज्यादा डाक्टर हैं छुट्टी पर
आइजीएमसी में आधे डाक्टर विटर विकेशन पर हैं। अस्पताल में काफी डाक्टर संक्रमित हो चुके हैं। ओपीडी के बाहर मरीज कतार में खड़े होकर उनका इंतजार कर रहे हैं। घंटों इंतजार करने के बाद भी इलाज नहीं हो पा रहा है। आइजीएमसी में शिमला ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य जिलों से भी लोग इलाज करने आते हैं। इससे उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। देरी से नंबर आने पर कई लोगों की बसें छूट जाती हैं। इसके कारण मरीजों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। मरीजों को दिक्कत न आए, कर रहे इंतजाम : डा. गुप्ता
आइजीएमसी के प्रिसिपल का कार्यभार देख रहे डा. दलीप गुप्ता का कहना है कि मरीजों को अस्पताल में दिक्कत न आए उसके लिए प्रशासन तैयार है। अस्पताल में सभी ओपीडी नियमित रूप से चल रही हैं। रिपन अस्पताल में भी स्टाफ की कमी
शहर के रिपन अस्पताल में भी डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित आए हैं। इसके कारण अस्पताल में डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी पाई गई है। इसके कारण रिपन जाने वाले मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े उसके लिए अस्पताल तैयार है।