यहां कुक बताता है मरीज के दिल का हाल
रिपन अस्पताल में कुक मरीजों के दिल का हाल बताता है यानी ईसीजी करता है। यहां एक साल से ईसीजी टेक्नीशियन का पता खाली है।
शिमला, अजय बन्याल। स्वास्थ्य विभाग में सिर्फ डॉक्टरों की ही कमी नहीं है, पैरामेडिकल स्टाफ समेत अन्य पद भी खाली हैं। हालत यह है कि चतुर्थ कर्मचारी मरीजों की नब्ज ही नहीं टटोल रहे बल्कि दिल का हाल भी बता रहे हैं। विश्वास नहीं हो रहा तो जरा प्रदेश की राजधानी शिमला केक्षेत्रीय अस्पताल दीन दयाल उपाध्याय (रिपन) के ईसीजी कक्ष का चक्कर लगा लीजिए। सब समझ में आ जाएगा।
रिपन अस्पताल में कुक मरीजों के दिल का हाल बताता है यानी ईसीजी करता है। यहां एक साल से ईसीजी टेक्नीशियन का पता खाली है। सुबह से शाम चार बजे तक सैकड़ों ईसीजी कुक प्रताप करता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि अब मशीनें एडवांस आ गई हैं ऐसे में ईसीजी टेक्नीशियन की जरूरत नहीं होती है। डॉक्टरभी ईसीजी कर सकते है। यह बात और है कि कई बार ईसीजी की गलत रिपोर्ट आने के बावजूद रिपन अस्पताल में सरकार एक ईसीजी टेक्नीशियन की नियुक्ति कर पाई है।
वहीं अस्पताल में टेस्ट करवाने आने वाले मरीजों को पता ही नहीं है कि ईसीजी टेस्ट करने वाला टेक्नीशियन नहीं बल्कि कुक है। जिन लोगों को पता चल रहा है। वे अब निजी क्लीनिक में ईसीजी करवा रहे हैं, लेकिन इसे पूरे मामले के बाद अस्पताल प्रबंधन की सुस्त रवैये का भंडाफोड़ जरूर हो गया है। दे दी थी गलत रिपोर्ट सूत्रों के मुताबिक हाल ही में एक गर्भवती महिला ने रिपन अस्पताल में ईसीजी करवाया है। ईसीजी की रिपोर्ट दिल की बीमारी बता दी, लेकिन जब महिला अपनी रिपोर्ट लेकर आइजीएमसी में चिकित्सकों के पास पहुंची तो चिकित्सक ने दिल की बीमारी न होने की बात की। दोबारा महिला ने ईसीजी करवाया तो रिपोर्ट सामान्य आई।
दे दी थी गलत रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक हाल ही में एक गर्भवती महिला ने रिपन अस्पताल में ईसीजी करवाया है। ईसीजी की रिपोर्ट दिल की बीमारी बता दी, लेकिन जब महिला अपनी रिपोर्ट लेकर आइजीएमसी में चिकित्सकों के पास पहुंची तो चिकित्सक ने दिल की बीमारी न होने की बात की। दोबारा महिला ने ईसीजी करवाया तो रिपोर्ट सामान्य आई।
क्या है ईसीजी
इलेक्ट्रो कार्डियो ग्राम यानी ईसीजी या ईकेजी टेस्ट दिल की इलेक्ट्रिक गतिविधियों और किसी भी असमान्यता की जांच करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट से दिल की धड़कन और उससे निकलने वाली विद्युत तरंगों के द्वारा दिल की बीमारी का भी पता लगाया जाता है। इसमें दिल की धड़कन को विद्युत तरंगों के रूप में देखा जाता है।
ईसीजी करने वाले टेक्नीशियन सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अब कुक ईसीजी कर रहा है। रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) के तहत ईसीजी टेक्नीशियन की तैनाती अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर नहीं कर सकता है। डॉक्टर भी ईसीजी करते हैं।
-डॉ. रंजना राव, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक रिपन अस्पताल।
रिपन अस्पताल में कुक ईसीजी कर रहा है इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। चिकित्सा अधीक्षक ही बता सकते हैं।
-डॉ. नीरज मित्तल, सीएमओ।