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शिमला में सचिवालय के बाहर कांग्रेस का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज

Congress Protest कांग्रेस ने कोरोना काल के दूसरे अनलाॅक में प्रदेश की सीमाएं सैलानियों के लिए खोलने के फैसले के विरोध में राज्य सचिवालय के बाहर जोरदार धरना दिया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 04:38 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 05:04 PM (IST)
शिमला में सचिवालय के बाहर कांग्रेस का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज
शिमला में सचिवालय के बाहर कांग्रेस का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज

शिमला, जेएनएन। कांग्रेस ने कोरोना काल के दूसरे अनलाॅक में प्रदेश की सीमाएं सैलानियों के लिए खोलने के फैसले के विरोध में राज्य सचिवालय के बाहर जोरदार धरना दिया। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ चक्का जाम तक किया। सचिवालय की ओर बढ़ रहे कदमों को रोकने के लिए चौक पर लगे गेट को आधे घंटे तक बंद कर दिया। इस पर पुलिस ने कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस पूरे मामले में कार्रवाई कर रही है। इस फैसले को टालने की मांग की, इससे प्रदेश के लोगों में कोविड-19 को लेकर डर और भय फैलता जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश में पर्यटन एवं अन्य व्यवसाय की विरोधी नहीं है पर अभी इस माहमारी के प्रति पूरी तरह सचेत रहने की बहुत आवश्यकता है। इसलिए सरकार को इस फैंसले पर जनहित में दोबारा विचार करना चाहिए।

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कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा प्रदेश में होटल व्यवसायी व अन्य कारोबारी भी अभी इसके पक्ष में नहीं हैं, ऐसे में यह निर्णय तब तक टाल दिया जाना चाहिए जब तक की देश में इस माहमारी का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता। अगर कोविड-19 के सभी सुरक्षा मानकों का सही ढंग से सीमाओं का पालन किया जाता तो आज प्रदेश इस गंभीर समस्या से बच सकता था। कांग्रेस ने डीसी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा।

धरने में पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, शिमला शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, ग्रामीण अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा, हरि कृष्ण हिमराल, वेद प्रकाश ठाकुर, जैनब चंदेल, निर्मला ठाकुर, इंद्र जीत सिंह, आनंद कौशल, सुशांत कपरेट, शशि ठाकुर, सुनीता शर्मा, कृष्णा देवी, आकाश सैनी, राहुल मेहरा, धर्मपाल ठाकुर, देवन भट्ट, अतुल गौतम, प्रकाश चंद, रवि राणा, नीरज बख्‍शी, धीरेंद्र गुप्ता, लाल सिंह, मुकल गुप्ता, जसपाल ठाकुर, हिमांशु सहित पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।

ये रखी मांगें

बसों में 25 प्रतिशत किराया वृद्वि के प्रस्ताव को रद करें। बिजली के बिलों में 125 यूनिट्स के ऊपर की गई बढ़ोतरी को भी वापस लें। राशन की सब्सिडी से बाहर किये गए एपीएल परिवारों को पुन: शमिल किया जाए।

कर्मचारी व पेंशन विरोधी निर्णयों को रद्द किया जाए। कर्मचारियों के भविष्य निधि ब्याज को जो कम किया गया है उसे बढ़ाया जाए। सभी कर्मचारियों का डीए बहाल किया जाए। डीजल पेट्रोल की बड़ी कीमतें कम की जाएं।


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