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बचपन में ही दिया जाए स्वच्छता का संस्कार

स्वच्छता संस्कार है, यह संस्कार बाल आयु में ही डालना आवश्यक है, क्या

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 06:43 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 06:43 PM (IST)
बचपन में ही दिया जाए स्वच्छता का संस्कार
बचपन में ही दिया जाए स्वच्छता का संस्कार

जागरण संवाददाता, शिमला : स्वच्छता संस्कार है, यह संस्कार बाल आयु में ही डालना आवश्यक है, क्योंकि जो संस्कार बाल आयु में पड़ जाते हैं व्यक्ति उन्हीं संस्कारों का पालन जीवनभर करता और सफलता की प्रत्येक सीढ़ी को आसानी से चढ़ जाता है। यह बात शनिवार को दैनिक जागरण के मेरा भारत स्वच्छ अभियान के दौरान प्रधानाचार्य भूपेंद्र सिंह ने कही। अभियान के तहत राजधानी शिमला के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लक्कड़ बाजार में कार्यक्रम का आयोजन किया।

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इस दौरान छात्राओं ने कक्षा के कमरों की सफाई की और स्वच्छता की शपथ ली। करीब एक घंटे तक चले इस कार्यक्रम में स्वच्छता के अलावा करियर काउंसिलिंग पर कार्यशाला भी लगाई। इस अवसर पर भाषा अध्यापक डॉ. तारा, कल्पना शर्मा, रेखा शर्मा मौजूद रहीं।

छात्राओं को किया सम्मानित

दैनिक जागरण ने तीन स्वच्छता प्रहरियों को सम्मानित भी किया। इनमें पूजा, पूनम कुमारी और आंचल शामिल हैं। इन छात्राओं ने सफाई अभियान के अलावा भी समय-समय पर स्कूल की सुंदरता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए अहम भागीदारी सुनिश्चित की है।

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स्वच्छता हर व्यक्ति का कर्तव्य

स्वच्छता हर व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है। स्वच्छता के पाठ हर रोज कहीं न कहीं सुनने को मिल जाते हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और है। जगह-जगह आज भी गंदगी फैलाने वाले मिल जाएंगे। ऐसे में जागरूकता आवश्यक है। दैनिक जागरण ने लोगों को जागरूक करने का सराहनीय कार्य किया है।

-डॉ. तारा, भाषा अध्यापक।

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दैनिक जागरण ने यह सराहनीय कार्य किया है। समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए, ताकि लोगों में जागरूकता आ सके। सफाई होगी तो बीमारियां कम होंगी, जिससे एक सशक्त समाज की स्थापना हो सकती है।

-कल्पना शर्मा।

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शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए दैनिक जागरण ने अभियान शुरू किया है। स्कूलों से शुरू किए अभियान से समाज में जागरूकता अवश्य आएगी। बच्चों की जिस कार्य में सहभागिता होती है उस कार्य को सफलता अवश्य मिलती है। बच्चे कल का भविष्य हैं और इनका कल अच्छा हो इसके लिए यह अवश्य ही कार्य करेंगे।

-रेखा शर्मा, अध्यापिका।

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स्वच्छता एक संस्कार है और यह संस्कार जब बाल्यकाल में आ जाता है तो जीवन भर नहीं भूलता। बच्चे यदि स्वच्छता के लिए जागरूक होंगे तो कल के स्वच्छ समाज की कल्पना की जा सकती है। बच्चों को इस तरह के कार्यक्रम में शामिल कर दैनिक जागरण ने भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया है।

-भूपेंद्र सिंह, प्रधानाचार्य।

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छात्राएं बोलीं, जारी रखेंगी अभियान

मैं हमेशा स्वच्छता के लिए कार्य करूंगी। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक कर समाज में स्वच्छता की अलख जगाऊंगी।

-मोनिका।

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स्वच्छता सभी को पसंद होती है, जरूरत है सिर्फ जागरूकता की। हर व्यक्ति को स्वच्छता के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बाध्य किया जाए।

-शिवानी ठाकुर।

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स्वच्छता की शुरुआत घर से होती है। हर व्यक्ति को अपने घर और आसपास साफ-सफाई रखने की आदत होगी तो पूरा समाज स्वच्छ होगा।

-संतोष।

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-प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की सफलता तभी संभव है, जब सभी इस कार्य में सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। हम हमेशा स्वच्छता के लिए कार्य करते रहेंगे।

-पूजा कुमारी।

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हमारा वातावरण साफ रहेगा तो बीमारियां कम फैलेंगी। इससे हमारी आर्थिकी भी मजबूत होगी और भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरेगा।

-पूनम कुमारी।

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प्रधानमंत्री के इस अभियान में दैनिक जागरण के साथ अपना सहयोग देने से खुशी मिली है। भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम में भाग लूंगी।

-आंचल कुमारी।


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