सेब धोखाधड़ी मामला: सीआइडी ने कोर्ट में दाखिल की छह चार्जशीट, 100 में से 40 FIR की अब भी हो रही जांच
Apple Fraud Case सेब बागवानों के खून पसीने की कमाई डकारने से जुड़े मामलों में क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट(सीआइडी) ने छह और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई हैं।
शिमला, जेएनएन। सेब बागवानों के खून पसीने की कमाई डकारने से जुड़े मामलों में क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट(सीआइडी) ने छह और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई हैं। अब आरोपित आढ़तियों पर कोर्ट में केस चलेगा, जबकि एक अन्य मामले की क्लोजर रिपोर्ट तैयार है। अभी 40 मामलों की जांच चल रही है, जबकि 60 मामलों में या तो कोर्ट में चार्जशीट हो चुकी है अथवा इनमें क्लोजर रिपोर्ट बनाई गई। किसी एक मसले में रिकॉर्ड 100 एफआइआर दर्ज हैं। इनकी जांच सीआइडी का विशेष जांच दल (एसआइटी) कर रहा है। जिन छह मामलों में चार्जशीट दाखिल की गईं, उनमें आरोपित आढ़ती ऊपरी शिमला के रहने वाले हैं।
आपराधिक मामलों में अब तक कुल 30 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। कुल मिलाकर दस करोड़ से अधिक की धनराशि प्रभावित बागवानों को वापस लौटाई जा चुकी है। अभी भी बीस करोड़ से अधिक का पैसा आरोपित आढ़तियों के पास फंसा हुआ है। आरोपितों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व चंडीगढ़ आदि के आढ़ती शामिल हैं।
इन मामलों में बनी क्लोजर रिपोर्ट
ऐसे केस जिनमें आढ़तियों ने धोखाधड़ी का पैसा वापस कर दिया है, इनमें क्लोजर रिपोर्ट बनाई गई। इसके लिए प्रभावित बागवानों ने बाकायदा शपथपत्र दिए। इन शपथपत्रों में कहा गया कि उन्हें सारा पैसा वापस मिल गया है, लिहाजा वे केस बंद करवाना चाहते हैं।
किसान संघर्ष समिति ने की थी पहल
किसान संघर्ष समिति ने पिछले साल आंदोलन छेड़ा था। इसकी पहल शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान और उनकी टीम ने की थी। उन्होंने प्रभावितों को एकजुट किया और पुलिस में शिकायतें करवाईं। पहले पुलिस ने इसे लेन-देन का मामला करार दिया और एफआरइआर दर्ज तक करने से इन्कार किया। कोटखाई केस में हाईकोर्ट ने एसआइटी गठित करवाई। इसके बाद राज्य पुलिस ने पूरे मामलों की जांच सीआइडी के हवाले की।
छह और चार्जशीट दाखिल की गई हैं, इनमें आरोपित शिमला जिले के हैं। अब इन पर कोर्ट में केस चलेगा। एक अन्य मामले में क्लोजर रिपोर्ट बनाई गई है। इसमें प्रभावित बागवानों का पैसा लौटा दिया गया था। छह मामलों में 12 लाख रुपये डकारे गए। कोरोना के कारण सभी मामलों की जांच करने में अभी वक्त लगेगा। -वीरेंद्र कालिया, एसपी एवं सीआइडी की एसआइटी के मुखिया।