मुख्य सचिव करेंगे फैसला, बाहरी लेक्चरर बनेंगे या नहीं
लेक्चरर भर्ती मामले में गेंद्र अब मुख्य सचिव के पाले में है। वह इस मामले को सुलझाएंगे।
राज्य ब्यूरो, शिमला : स्कूल लेक्चरर भर्ती विवाद सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहल की है। उन्होंने इस संबंध में बुधवार को राज्य सचिवालय शिमला में उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक बेशक बेनतीजा रही लेकिन अब हिमाचली युवाओं के भविष्य का फैसला मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी लेंगे। इस मामले में अब गेंद उनके पाले में है।
सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री ने विवाद सुलझाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य सचिव को लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्षों व सचिवों के साथ बैठक बुलाने को कहा। बाल्दी वीरवार को आयोग के अध्यक्षों व सचिवों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। यह फैसला होगा कि अन्य राज्यों के लोग हिमाचल में लेक्चरर बन सकते हैं या नहीं? बैठक में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने अपना पक्ष प्रमुखता से रखा। उन्होंने बताया कि लेक्चरर न्यू की भर्ती के लिए भारत का कोई भी पात्र नागरिक भाग ले सकता है। हिमाचलियों के हितों की रक्षा करने का मौजूदा भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) रूल्स में कोई प्रावधान नहीं है। विज्ञापित पदों पर गैर हिमाचलियों को रोकना संभव नहीं है। अगर सरकार आरएंडपी रूल्स में बदलाव करती है तभी विज्ञापन पर रोक लगाकर इसे दोबारा जारी किया जा सकता है। वहीं, शिक्षा निदेशक बैठक में अपने बयान से पलट गए। वह पहले बयान देते रहे कि पूरे मामले में आयोग का कसूर है। शिक्षा मंत्री ने भी बयान के संबंध में अपना पक्ष रखा। क्या है मामला
हिमाचल में अब अन्य राज्यों के लोग भी स्कूल कॉडर के लेक्चरर (प्रवक्ता) बन सकेंगे जबकि ये पद क्लास थ्री नॉन गजटेड के हैं। भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी। 396 पदों के लिए हो रही यह भर्ती विवादों के घेरे में आ गई है। इससे पहले राज्य सचिवालय में तृतीय श्रेणी के क्लर्को की भर्ती पर बवाल मचा था। चौतरफा विरोध के बाद सरकार को मंत्रिमंडल की बैठक में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संधोशन करना पड़ा था। तीन महीने पहले हुए कैबिनेट फैसले की अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसका खामियाजा हिमाचल के शिक्षित युवा भुगतेंगे। ये रहे बैठक में मौजूद
बुधवार शाम पांच बजे शुरू हुई बैठक में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा, उच्चतर शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा समेत कई आला अधिकारी शामिल हुए।