स्मार्ट सिटी के लचर कार्य पर निदेशक मंडल में बदलाव
धर्मशाला और शिमला स्मार्ट सिटी के लचर कार्य को देखते हुए दोनों जगहों के निदेशक मंडलों को बदला गया है। धर्मशाला में विवाद ने तो शिमला स्मार्ट सिटी के कार्यों को एनजीटी के आदेशों ने प्रभावित किया है। इसके कारण अनेकों प्रोजेक्ट लटक गए हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : धर्मशाला व शिमला स्मार्ट सिटी के लचर कार्य को देखते हुए दोनों जगह के निदेशक मंडल को बदला गया है। धर्मशाला में विवाद ने तो शिमला स्मार्ट सिटी के कार्यों को एनजीटी के आदेशों ने प्रभावित किया है। इस कारण कई प्रोजेक्ट लटक गए हैं। धर्मशाला में विवाद को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। यह बात प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग प्रबोध सक्सेना ने सचिवालय शिमला में पत्रकारों से कही।
धर्मशाला में कार्य कर रही निजी कंपनी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट (पीएमसी) के खिलाफ नगर निगम के महापौर ने ही मोर्चा खोल दिया है। महापौर ने निजी कंपनी पर काम में गुणवत्ता से समझौता करने व गलत काम करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सरकार से भी शिकायत की गई है। प्रबेधा सक्सेना ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है। अमृत प्रोजेक्ट के तहत 90 करोड़ रुपये केंद्र से अतिरिक्त मांगे गए हैं। शिमला के कोर एरिया में एनजीटी के प्रतिबंधों के कारण कई योजनाएं लटकी हैं। इसके लिए सरकार सर्वोच्च न्यायालय में लड़ रही है। इस कारण 53 में मात्र छह प्रोजेक्ट पर ही काम हो सकता है। एनजीटी ने शिमला के कोर और ग्रीन एरिया में दोमंजिला और एक एटिक से अधिक के भवन निर्माण पर रोक लगा दी है। ग्रीन एरिया में विकास कार्य के लिए भी पेड़ नहीं कटेंगे। अब ऐसे प्रोजेक्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है जो शीघ्र पूरे हों और एनजीटी की बाध्यता भी आड़े न आए। केंद्र सरकार की अमृत योजना में विभागों के संयुक्त प्रयासों से सबसे पहले पेयजल की लीकेज पर नियंत्रण किया गया जो अब केवल चार फीसद रह गई है। वर्ष 2020 तक इस योजना को पूर्ण करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 51.80 करोड़ की लागत से 7914 मकानों के निर्माण को मंजूरी किया और कार्य हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी धर्मशाला में 2109.69 करोड़ की लागत से 74 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। अभी तक केंद्र सरकार ने 196 करोड़ और प्रदेश सरकार ने 26.89 करोड़ की राशि जारी कर दी है। शिमला स्मार्ट सिटी के लिए पहली जनवरी 2018 को कंपनी एक्ट के तहत स्मार्ट सिटी का रजिस्ट्रेशन किया गया और 2905.97 करोड़ के बजट में से अभी तक केंद्र सरकार ने 58 करोड़ और राज्य सरकार ने 42 करोड की राशि जारी की है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 7912 आवास बनने थे। लेकिन अभी तक 1100 आवास ही बने हैं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप