एचपीसीए पर प्रशासक की नियुक्ति का मामला खत्म
एचपीसीए पर प्रशासक की नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में खत्म हो गया है।
विधि संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) पर प्रशासक की नियुक्ति को लेकर लंबित मामला खत्म हो गया है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकात व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सोसाइटीज रजिस्ट्रार के 17 जनवरी 2019 के आदेश के मद्देनजर यह मामला निष्प्राय हो गया है।
इस मामले में एचपीसीए ने रजिस्ट्रार सोसाइटी द्वारा एचपीसीए के ऊपर प्रशासक की नियुक्ति करने के सात सितंबर 2013 के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार ने 26 अक्टूबर 2013 को एचपीसीए की संपत्तियों को भी जब्त कर लिया था। मामला हाईकोर्ट पहुंचने पर हाईकोर्ट ने संपत्तियों को जब्त करने के सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने खुद ही लीज रद करने वाले अपने फैसले को वापस ले लिया था। हाईकोर्ट में केवल एक मुद्दे को लेकर यह याचिका लंबित थी। हाईकोर्ट के समक्ष एचपीसीए पर प्रशासक की नियुक्ति पर फैसला आना था। 17 जनवरी 2019 को रजिस्ट्रार सोसाइटीज ने एचपीसीए पर प्रशासक की नियुक्ति वाले आदेश को भी वापस ले लिया। इस कारण हाईकोर्ट में यह मामला निष्प्राय हो गया। कब क्या हुआ
-1 अगस्त 2018 को एचपीसीए के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया गया था। इसमें आरोप था कि एचपीसीए ने गलत तरीके से इसे सोसायटी से कंपनी के रूप में पंजीकरण करवाया था।
-3 अक्तूबर 2013 को एचपीसीए के खिलाफ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और सरकारी भवन गिराने पर एफआइआर दर्ज।
-26 अक्टूबर 2013 की रात को सरकार के आदेशों के चलते एचपीसीए स्टेडियम को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। सरकार द्वारा स्टेडियम को कब्जे में लिए जाने के खिलाफ एचपीसीए ने प्रदेश हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जिसमें फैसला एचपीसीए के पक्ष में आया।
-नवंबर 2013 को एचपीसीए के खिलाफ अवैध कटान पर एफआइआर दर्ज हुई।
-सभी मामलों का हवाला देकर तत्कालीन प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किए थे कि जिस तरह एचपीसीए के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं, उन्हें देखते हुए एचपीसीए में प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी।
-सरकार के आदेशों के खिलाफ एचपीसीए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।