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कहीं से भी गुजरें, रहेंगी खुफिया नजरें

पहाड़ में अब हरेक व्यक्ति पर सरकार की खुफिया निगाहें रहेंगी। सरकार ने विदेशों की तर्ज पर एक अनूठा प्रोजेक्ट तैयार किया है। इससे जुड़ी स्कीम को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। सुरक्षा की ²ष्टि से इसे अहम और अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है। इसके तहत करीब 52 शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इसके हिमाचल में रह रहे लोगों, देश- विदेश से आने वाले पर्यटक भी निगरानी की जद में आएंगे। कहीं भी अपराध घटित होगा तो फिर पंद्रह मिनट के भीतर मौका- ए- वारदात पर पहुंच सकेगी। इस तकनीक के सहारे पुलिस का कार्य भी आसान हो जाएगा। पूरे प्रदेश से विजुअल फीड रोजाना रीयल टाइम में स्टेट सेंटर को मिल सकेगी। इसके लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 06:03 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 06:03 PM (IST)
कहीं से भी गुजरें, रहेंगी खुफिया नजरें
कहीं से भी गुजरें, रहेंगी खुफिया नजरें

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में अब हर व्यक्ति पर सरकार की निगाह होगी। सरकार ने विदेश की तर्ज पर प्रोजेक्ट तैयार किया है। इससे जुड़ी योजना को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है। सुरक्षा की दृष्टि से इस प्रोजेक्ट को अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के 52 शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इससे हिमाचल में रह रहे लोगों व देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों पर भी खुफिया नजरें रहेंगी।

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कहीं भी अपराध होने पर पुलिस 15 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच सकेगी। इस तकनीक के सहारे पुलिस का कार्य भी आसान हो जाएगा। पूरे प्रदेश से विजुअल फीड रोजाना स्टेट सेंटर को तत्काल मिल सकेगी। इसके लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर राजधानी शिमला में बनेगा जहां बड़ी स्क्रीन लगेगी। जिलों से हर दिन अपराध का डाटा भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आ सकेगा। इस मामले को सरकार बजट सत्र में लाएगी। इसे बजट घोषणा का हिस्सा बनाया जाएगा। शिमला से शुरू होगी योजना

पहले चरण में इस योजना पर साढ़े नौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना पायलट आधार पर शिमला से शुरू होगी। प्रयोग सफल होने के बाद इसे अन्य शहरों नाहन, सोलन, धर्मशाला, ऊना, कुल्लू, चंबा आदि में चलाया जाएगा। इस संबंध में शुरुआती कसरत पूरी कर ली गई है। राजस्थान मॉडल लागू होगा

प्रदेश सरकार राजस्थान मॉडल को लागू करेगी। राजस्थान में पूर्व वसुंधरा सरकार ने इस दिशा में काफी कार्य किया था। सरकार के निर्देश पर प्रदेश के अधिकारियों ने राजस्थान मॉडल का अध्ययन किया। इसके बाद प्रोजेक्ट तैयार किया गया। प्रोजेक्ट को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से पुलिस के सहयोग से शुरू किया जाएगा। जांच में नहीं होगी देर

प्रदेश के कई शहरों में अभी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसकी फीड राज्य के पास एक सेंटर में नहीं आ पाती है। नई योजना का लाभ यह होगा कि पुलिस अधिकारी के तत्काल मौके पर पहुंचने से जांच कार्य शुरू होने में देर नहीं होगी। इसके अलावा आरोपितों को साक्ष्य मिटाने का मौका नहीं मिल सकेगा। योजना जनता की सुरक्षा के मद्देनजर बनाई गई है।


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