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सीबीआइ तैयार, हिमाचल सरकार के पत्र का इंतजार

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए सीबीआइ तैयार है। अब वह हिमाचल सरकार के पत्र का इंतजार कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 10:22 PM (IST)
सीबीआइ तैयार, हिमाचल
सरकार के पत्र का इंतजार
सीबीआइ तैयार, हिमाचल सरकार के पत्र का इंतजार

राज्य ब्यूरो, शिमला : छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए सीबीआइ तैयार है। अब वह हिमाचल सरकार के पत्र और केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्देशों का इंतजार कर रही है। सूत्रों के अनुसार यह मामला जांच के लिए शिमला ब्रांच के पास आ सकता है।

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शिमला पुलिस ने प्राथमिकी में किसी भी आरोपित को नामजद नहीं किया है। इसकी प्रतिलिपि गृह विभाग के माध्यम से सीबीआइ के पास भेजी जाएगी। अब तक की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। प्रारंभिक जांच शिक्षा विभाग की कमेटी ने की थी। कमेटी के मुखिया राज्य परियोजना अधिकारी शक्ति भूषण को बनाया गया था। उनकी शिकायत पर ही मामला दर्ज किया गया है। लेकिन सीबीआइ इस संबंध में अलग केस दर्ज करेगी। जांच एजेंसी तभी से इस मामले पर नजर बनाए हुए है जब से राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। सीबीआइ से राज्य सरकार को आए परफॉर्मा में प्राथमिकी के अलावा जांच का भी कॉलम है। लेकिन पुलिस अब आगे की जांच ज्यादा नहीं करेगी। अगर पुलिस ही जांच करेगी तो फिर मामला सीबीआइ को सौंपने के क्या मायने रह जाएंगे। घोटाले की जांच में पता चला है कि छात्रवृत्ति की कुल रकम का करीब 80 फीसद बजट मात्र 11 फीसद निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को दिया गया है। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को 210.05 करोड़ और 18682 सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को मात्र 56.35 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति के दिए गए हैं। आरोप है कि इन संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति डकारी है। जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई। ऐसे ही एक छात्र की शिकायत पर इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठा। शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इनमे गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में हुई है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में 260 करोड़ 31 लाख 31,715 रुपये दिए गए हैं। छात्रवृत्ति की जो राशि प्रदेश के विद्यार्थियों को मिलनी थी, उसे देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में गलत तरीके से बांटे जाने का आरोप है।

पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है। सरकार के निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

ओमापति जम्वाल, एसपी शिमला


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