सेब सीजन खत्म, शिमला और किन्नौर में कम हुआ कारोबार
जिला शिमला और किन्नौर में भी सेब सीजन समाप्त हो गया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : जिला शिमला और किन्नौर में भी सेब सीजन समाप्त हो गया है। दोनों ही जिलों से करीब एक करोड़ 89 लाख पेटियों का कारोबार हुआ। प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के अुनसार मार्केट यार्ड में 67 लाख सात हजार 578 सेब की पेटियां 20 किलो की पहुंची हैं। वहीं मार्केट यार्ड से बाहर एक करोड़ 22 लाख 15 हजार 303 सेब की पेटियां पहुंची। मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार शिमला जिले में कंपनियों के जितने भी कोल्ड स्टोर हैं, उनसे भी डाटा एकत्र किया जा रहा है। मार्केटिग बोर्ड के अनुसार इस बार दोनों ही जिलों में सेब के उत्पादन में 25 फीसद तक की गिरावट आई है।
सेब सीजन के शुरुआती दौर में बागवानों को काफी अच्छे दाम मिले। 1500 से लेकर चार हजार प्रति पेटी सेब की बिकी। 26 अगस्त के बाद सेब के दाम में गिरावट आ गई। इसके बाद 800 से 1200 और 1500 रुपये प्रति पेटी भी सेब बिका। अंतिम दौर में सेब के दाम काफी कम मिले।
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शिमला जिला में कुल उत्पादन का 70 फीसद
प्रदेश के सात जिलों में सेब का उत्पादन होता है। सबसे ज्यादा सेब ऊपरी शिमला मे होता है। करीब एक लाख से ज्यादा बागवान सेब व्यवसाय से जुड़े हैं। प्रदेश के कुल उत्पादन का 70 फीसद सेब शिमला जिला में होता है। शिमला और किन्नौर में औसतन दो से सवा दो करोड़ सेब की पेटियों का उत्पादन होता है, जिसमें इस बार कमी आई है। वर्ष 2010 में तीन करोड़ पेटियों का उत्पादन हुआ था। इस वर्ष सेब सीजन पर कोरोना का काफी असर पड़ा है। इसके कारण मजदूर नहीं मिलने से परेशानी हुई।
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बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिलें, इसके लिए कंपनियों से संपर्क किया गया था। कई नामी कंपनियों ने सीधे बागवानों से सेब की खरीद की है। पिछले साल की तुलना में इस बार सेब का उत्पादन कम हुआ है।
-नरेश ठाकुर, प्रबंध निदेशक, कृषि विपणन बोर्ड।