पांच दिन बाद ऊपरी शिमला के लिए भेजी बसें
राजधानी शिमला सहित जिले के ऊपरी क्षेत्रों में हुए हिमपात के पांच दिन बाद बसें ट्रायल के तौर पर भेजी गई।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला सहित जिले के ऊपरी क्षेत्रों में हुए हिमपात के पांच दिन बाद भी यातायात व्यवस्था पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई है। निगम ने वीरवार को पांच दिन बाद ऊपरी शिमला के लिए ट्रायल पर बसें भेजीं। रोहडू, कोटखाई, मत्याणा, चौपाल और नेरवा लाइन पर ट्रायल पर दो-दो बसें भेजी गई। इन क्षेत्रों से भी शिमला की ओर बसें भी आई, लेकिन सड़क पर फिसलन अधिक होने से खतरा अभी भी बरकरार है। सुबह और रात के समय सड़कों पर फिसलन काफी ज्यादा है। बसें देरी से अपने रूटों पर पहुंचीं।
बर्फ के कारण ऊपरी शिमला के कई क्षेत्र राजधानी से कटे हुए हैं और मार्ग बंद होने के कारण लोग अपने घर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। निगम प्रबंधन के अनुसार ऊपरी शिमला के 100 रूट अभी भी बंद पड़े हुए हैं। ऊपरी शिमला के ग्रामीण क्षेत्रों में बसें अभी भी फंसी हुई हैं। निगम प्रबंधन अधिकारियों का कहना है कि रोहडू, चौपाल व नेरवा मुख्य लाइन पर बस सेवा बहाल की गई है, लेकिन ऊपरी शिमला के ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फ अधिक होने से अभी भी बस सेवा बहाल नहीं हो सकी है। जैसे ही ग्रामीण क्षेत्रों के रूट खुलते हैं तो बस सेवा बहाल की जाएगी।
एचआरटीसी तारादेवी डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद शर्मा ने बताया कि ट्रायल पर वीरवार को बसें भेजी गई थीं, लेकिन मार्ग पर फिसलन अधिक है और बस चालकों को बसें चलाने में परेशानी हो रही है। वीरवार को भेजी गई बसों के ट्रायल सफल हुए हैं और शिमला व ऊपरी शिमला से आई बसें पहुंच भी गई हैं। शुक्रवार को बसें भेजी जाएंगी।
हिमपात ने बढ़ाया निगम घाटा
हिमपात ने परिवहन निगम का घाटा बढ़ा दिया है। पांच दिन से रूटों पर बसें नहीं जाने से निगम की दैनिक कमाई में फर्क पड़ा है। आक्युपेंसी और रूट बंद होने से राजस्व में कमी आई है।