शहर में भवन मालिकों को नहीं मिल रहे टैक्स के बिल
शहर में भवन मालिकों को टैक्स के बिल जेनरेट करने में दिक्कत आ रही है। इससे उन्हें टैक्स के बिल नहीं मिल पा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर में भवन मालिकों को टैक्स के बिल जेनरेट करने में दिक्कत आ रही है। नगर निगम ने जो कर्मचारी इस काम में लगाए हैं, उन्हें चुनावी तैयारी में लगा दिया है। निगम ने 21 डाटा आपरेटर को चुनावी तैयारी के लिए भेजा है। इनमें से चार से पांच ऐसे हैं जो नगर निगम की टैक्स शाखा में सेवाएं दे रहे हैं। इन्हें मूल रूप से यहां पर आने वाले लोगों को टैक्स के बिल जेनरेट करके देने का काम सौंपा गया है।
शहर में निगम का टैक्स देने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। 30 जून तक जो लोग अपने बिल जेनरेट करवा लेंगे उन्हें अगले 15 दिन में छूट भी मिलेगी। ऐसे में लोगों की भीड़ निगम की टैक्स शाखा में रहती है। शहर के भवन मालिकों को नगर निगम शिमला ने नए सिरे से टैक्स के बिल जारी करने का काम अप्रैल से शुरू कर दिया है। बिल जेनरेट होते ही बिल की जानकारी मोबाइल फोन पर मैसेज के साथ घर पर डाक के माध्यम से भेजी जा रही है। इसके बाद अगले 15 दिन में बिल जमा करवाने पर 10 फीसद की छूट का लाभ भवन मालिक ले सकेंगे। शहर में 28 हजार भवन मालिक हैं, जिन्हें निगम की ओर से बिल जारी किए जाने हैं। निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस मसले को आला अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा। इसलिए जल्द बिल जेनरेट करना चाहता है निगम
नगर निगम प्रशासन ने फैसला लिया था कि जल्द ही लोगों को बिल जारी किए जाएंगे। इससे लोग 10 फीसद छूट के लिए जल्द ही टैक्स जमा करवा देंगे। इससे निगम को जल्द ही टैक्स की राशि मिलने की उम्मीद है। 18 करोड़ टैक्स की आय की उम्मीद
संपत्ति कर निगम की आय का मुख्य साधन है। इससे निगम को साल में 18 करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है। अभी राहत यह है कि फिलहाल टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की गई है। पिछले साल ही निगम ने टैक्स में 10 फीसद की बढ़ोतरी की थी। इस बार इसी दर पर लोगों को संपत्ति कर के बिल जारी किए जाने प्रस्तावित हैं।