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बिल्डर ने करोड़ों लिए, फ्लैट नहीं दिए

शिमला निवासी दो भाईयों जितेंद्र भारद्वाज और नरेंद्र भारद्वाज ने फ्लैट खरीदने के लिए 1.40 करोड़ रुपये का भुगतान किया। करसोग(पांगणा)के सुरेश कुमार शर्मा फ्लैट की चाहत में 10.50 लाख दे चुके हैं मगर अभी तक फ्लैट का कोई अता-पता नहीं है। इसी तरह से दिल्ली निवासी पारस वर्मा 95 लाख रुपये चुकता कर चुके हैं मगर बिल्डर कंपनी अब

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:22 AM (IST)
बिल्डर ने करोड़ों लिए, फ्लैट नहीं दिए
बिल्डर ने करोड़ों लिए, फ्लैट नहीं दिए

प्रकाश भारद्वाज, शिमला

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पंजाब के जीरकपुर के एक बिल्डर ने फ्लैट देने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये लिए। कई साल बीतने पर भी लोगों को जीरकपुर की राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से भराड़ी (शिमला) में फ्लैट नहीं मिले हैं। इस कंपनी के मालिक राजदीप शर्मा हैं। बिल्डरों की ओर से फ्लैट न देने के मामले और भी हैं। प्रदेश के तीन जिलों से बिल्डरों के सताए लोग रियल इस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) मुख्यालय शिमला पहुंचे हैं। सबकी एक ही कहानी है कि बिल्डर ने पूरा पैसा ले लिया मगर फ्लैट नहीं दिया।

लोगों को बिल्डर की ओर से फ्लैट मिला भी तो वादे के अनुसार बिजली व पानी की सुविधा नहीं मिल रही है। जीवनभर की कमाई लगा चुके लोग पुलिस के पास भी पहुंचने लगे हैं। शिमला, सोलन व कुल्लू जिलों के लोगों ने बिल्डरों के खिलाफ रेरा में शिकायत दर्ज करवाई है। सोलन जिला के बद्दी में ओमेक्स पार्कवुड, कसौली में डेलानको रीलेटार, सोलन शहर में हिमलैंड हाउसिग, कुल्लू के बजौरा में हिमालयन हैबिटेट और शिमला में राजदीप शर्मा के खिलाफ लाखों रुपये का भुगतान करने वाले लोगों ने रेरा में शिकायत की है। रेरा में पांच बिल्डरों के खिलाफ दर्ज शिकायतों की सुनवाई शुरू हो गई है। कई बिल्डर पंजीकृत नहीं हैं। वे अवैध तरीके से लोगों से पैसा लेकर फ्लैट देने का झांसा दे रहे हैं। इस संबंध में बिल्डर राजदीप शर्मा से फोन पर संपर्क किया गया मगर उन्होंने फोन नहीं सुना।

---------- केस स्टडी

-शिमला निवासी भाइयों जितेंद्र भारद्वाज व नरेंद्र भारद्वाज ने फ्लैट खरीदने के लिए राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के कर्ताधर्ता को जून 2015 में 1.40 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसके बाद शेष राशि भी चुका दी। जितेंद्र व नरेंद्र ने कहा कि हमारा कसूर यह है कि हमने बिल्डर राजदीप शर्मा पर विश्वास किया। उन्हें ब्लॉक-सी में तीन बीएचके के दो फ्लैट अब तक नहीं मिले हैं।

-करसोग (पांगणा) निवासी सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि उन्होंने 42 लाख रुपये के दो बीएचके फ्लैट के लिए पांच दिसंबर 2015 को राजदीप शर्मा को 10.5 लाख रुपये दिए थे। एक साल में फ्लैट का कब्जा दिया जाना था। वह आज भी फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

-दिल्ली निवासी पारस वर्मा राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के सताए हैं। पारस ने कहा कि उन्होंने 95 लाख रुपये देकर फ्लैट खरीदा था। वर्ष 2017 से उन पर कंपनी के कर्ताधर्ता की ओर से दबाव बनाया जा रहा है कि 80 लाख रुपये लेकर फ्लैट वापस बेच दें।

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रेरा में लोगों ने शिकायतें दर्ज करवाई हैं कि बिल्डरों ने उनसे पैसा लेकर फ्लैट नहीं दिए। हमारे पास पांच स्थानों से बिल्डरों के खिलाफ कई तरह की अनियमितताएं बरतने की शिकायतें आई हैं। जिन बिल्डरों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, उन्हें पक्ष रखने के लिए बुलाया जा रहा है। रेरा में जिन बिल्डरों ने पंजीकृत नहीं करवाया है, उन्हें तुरंत पंजीकरण करवाना पड़ेगा नहीं तो लोगों से लाखों रुपये लेकर फ्लैट नहीं देने वाले बिल्डरों के खिलाफ रेरा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।

-डॉ. श्रीकांत बाल्दी, रेरा अध्यक्ष।


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